मौत पर हरियाणा सरकार का मुआवजे से इंकार

4/16/2016 11:25:04 AM

चंडीगढ़ (विवेक): रेलवे एक्सीडेंट में पिता की मौत के बाद बच्चों को राजीव गांधी परिवार बीमा योजना का लाभ न देने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा है। मामले में मृतक के बेटे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर हरियाणा सरकार से न्याय दिलाने की अपील की है। हाईकोर्ट ने मामले में हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

 
मामले में याची पक्ष की ओर से एडवोकेट प्रवीण कुमार रोहिला ने कोर्ट में बताया कि याचिकाकर्ता प्रमोद करनाल का रहने वाला है और 10 मार्च 2014 को उसके पिता की रेल हादसे में मौत हो गई थी। याची उस समय नाबालिग थे और इसके चलते उन्हें नियमों के बारे में पता नहीं था। इसी बीच किसी के सहयोग से 18 नवंबर को उन्होंने राजीव गांधी परिवार बीमा योजना के तहत हरियाणा सरकार से 1 लाख रुपए का क्लेम मांगा। 
 
 
क्लेम राशि प्राप्त करने के लिए याची ने कार्यालय के कई चक्कर लगाए परंतु उसे बार-बार क्लेम प्रोसेस में होने की बात कहते हुए वापिस भेज दिया जाता था। इस दौरान 22 दिसंबर को हरियाणा सरकार ने उसका क्लेम यह करते हुए नकार दिया कि मौत के 8 माह और 9 दिन बाद क्लेम मांगा गया है जबकि इसके लिए 6 माह की अवधि निर्धारित है। इस फैसले को याची ने हरियाणा सरकार के सोशल जस्टिस विभाग के निदेशक के सामने चुनौती दी। 
 
 
निदेशक के पास अभी तक यह अपील लंबित है और इसपर फैसला नहीं लिया गया। याची की ओर से एडवोकेट रोहिला ने अपील करते हुए कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए इस देरी को माफ किया जाना चाहिए क्योंकि याची की मां की पहले ही मौत हो चुकी है और पिता की मौत के समय भी दोनों बच्चे नाबालिग थे। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश किए गए तथ्यों को आधार बनाते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।