हरियाणा के आंदोलनकारी अब टकराव छोड़ शांति का रास्ता अपनाएं

2/24/2016 11:16:34 AM

जालंधर: केंद्र तथा हरियाणा सरकार द्वारा आंदोलनकारी जाटों को आरक्षण का आश्वासन देने के बाद राज्य के कुछ जिलों में 21 फरवरी की रात परिस्थितियां कुछ सुधरती दिखाई दे रही थीं फिर भी विभिन्न स्थानों पर बवाल होता रहा।

उग्र भीड़ ने 22 फरवरी को भी ट्रकों, बसों, कारों आदि को आग के हवाले करने के अलावा तोड़-फोड़ की और आंदोलनकारियों द्वारा कुछ शिक्षा संस्थानों को भी निशाना बनाया गया परंतु 23 फरवरी को रेल व सड़क मार्गों से नाकेबंदी हटानी शुरू कर देने से लोगों को कुछ राहत मिली परंतु अनेक स्थानों पर कर्फ्यू जारी है व हालात तनावपूर्ण ही हैं।

इस आंदोलन के दौरान जहां हिसार में उपद्रवियों ने कुछ ढाणियों (बस्तियों) में आग लगा दी और 600 से अधिक लोग अपनी ढाणियां छोड़ कर चले गए वहीं झज्जर में भी अनेक मकानों को आग लगा दी गई। यहां राव तुलाराम की प्रतिमा के अलावा अनेक मकानों को क्षति पहुंचाई गई।

भिवानी के खरड़ और मुधल में 2 पुलिस चौकियां व सर छोटू राम धर्मशाला जला डाली गई। सोनीपत में एक भोजनालय, कलानौर में पैट्रोल पम्प व 40 दुकानों को अग्नि भेंट किया गया।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि ‘‘आगजनी, ङ्क्षहसा और तोडफ़ोड़ के कारण पूरा रोहतक राख में तबदील हो गया है।’’ वहां के वीटा मिल्क प्लांट को आग लगा दी गई। वहां से 8 टन घी तथा 2 लाख रुपए लूट लिए गए व 2 करोड़ रुपए का पाऊडर मिल्क जला दिया गया।

इस आंदोलन के चलते अभी तक 19 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, 183 लोग घायल हुए हैं, लगभग 450 स्थानों पर रेल-सड़क मार्ग अवरुद्ध किया गया और अकेले जींद जिले में 660 पेड़ रास्ता रोकने के लिए काट डाले गए।

26 पैट्रोल पम्पों पर तोड़-फोड़ की गई जिनमें से सर्वाधिक 8 पैट्रोल पम्प  रोहतक में, 6 झज्जर और 5 भिवानी में स्थित हैं। राज्य की 185 गैस एजैंसियों में रसोई गैस खत्म हो जाने से लोगों के चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं। 

हरियाणा परिवहन की 33 बसों को आग लगा दी गई और 99 बसों को क्षतिग्रस्त किया गया। रोहतक की प्रसिद्ध रेवड़ी शॉप तथा 2 सरकारी अस्पताल जला डाले गए। लाहली गांव में ‘होटल रिवोली’ अग्नि भेंट कर दिया गया। हांसी में भी एक होटल को आग लगा दी गई।

विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार राज्य में 9 रेलवे स्टेशनों को अग्नि भेंट करने, 2 इंजनों को क्षतिग्रस्त करने के अलावा अनेक स्थानों पर रेल पटरियां उखाड़ दी गई हैं। कई बस स्टैंड और सरकारी कार्यालय आग के हवाले कर दिए गए और कई सड़कें खोद डाली गई हैं। कुल मिलाकर 1000 से अधिक वाहनों और 500 से अधिक व्यापारिक प्रतिष्ठन जलाए जाने का अनुमान है। जाटों और गैर-जाटों द्वारा एक-दूसरे की सम्पत्तियों को जलाने और कुछ विशेष बिरादरियों के लोगों की हत्या से राज्य का सदियों से चला आ रहा भाईचारक ताना-बाना भंग होने का खतरा पैदा हो गया है।

22 फरवरी को राजस्थान में 100 से अधिक रोडवेज की बसें नहीं चलीं। वहां भरतपुर में हाईवे जाम करने, दो बसों को जलाने व कुम्हेर थाने के सामने आगजनी की अन्य घटनाओं के बाद मुख्य बाजार बंद हो गया। आंदोलनकारियों ने वहां 20 सैनिकों को भी बंधक बना लिया व 23 फरवरी को रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर का कमरा जला दिया गया। हेलक स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी के इंजन को आग लगा दी व 5000 रुपए लूट लिए गए।

अभी तक हरियाणा के आंदोलन से 34 हजार करोड़ रुपए की हानि का अनुमान है। सम्पत्ति की क्षति के अलावा रास्ते जाम होने के कारण खाने-पीने की वस्तुएं तथा अस्पतालों में रोगियों तक के न पहुंच पाने के कारण लोगों को हुई असुविधा का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।

विजय कुमार