मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद ‘एक्शन मोड’ में खट्टर सरकार

7/26/2016 11:34:24 AM

हिसार: हरियाणा में पिछले लगभग पौने 2 वर्ष से सरकार चला रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जहां अपनी अलग कार्य प्रणाली से एक विशेष पहचान तो कायम की ही, वहीं अपने मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार के बाद मुख्यमंत्री ने एक साथ कई संकेत देने का प्रयास किया है और इस विस्तार व फेरबदल से पौने दो वर्ष पुरानी भाजपा सरकार अब पूरी तरह से ‘एक्शन मोड’ में नजर आने लगी है। जिस तरह से एक वर्ष के अंतराल के बाद मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार करते हुए 2 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया है और कई दिग्गज मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया है उससे यह स्पष्ट संदेश देने का प्रयास किया है कि उनकी शराफत व सादगी को कमजोरी न समझा जाए और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही नक्शे कदम पर चलते हुए प्रदेश सरकार में भी काम व परिणाम चाहते हैं।

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री पिछले काफी समय से अपने मंत्रियों, विधायकों के साथ-साथ अफसरशाही पर भी पूरी नजर रखे हुए हैं और उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रहे हैं। 

 

सूत्रों का कहना है कि 22 जुलाई के मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान जिस प्रकार मुख्यमंत्री खट्टर ने 2 मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल से बाहर करने के साथ-साथ कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया है। उससे यह साफ हो गया है कि खट्टर अब आक्रामक तेवरों के साथ अच्छे परिणाम देने वालों को पुरस्कृत करेंगे और व सरकार की साख पर सवालिया निशान लगाने वालों को रियायत नहीं देंगे। 

 

सूत्रों का यह भी कहना है कि जिन विधायकों की कार्यप्रणाली पार्टी की छवि निखारने में कारगर होगी उन्हें आने वाले समय में मुख्य संसदीय सचिव या बोर्ड अथवा निगम का चेयरमैन बनाकर पुरस्कृत किया जा सकता है और परिणाम न देने वाले कई संसदीय सचिवों व चेयरमैनों की उक्त 2 मंत्रियों की भांति छुट्टी भी की जा सकती है। 

 

भविष्य में हो सकता है फेरबदल
सूत्रों का कहना है कि इसी प्रकार प्रशासन में भी अधिकारियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा के बाद उनकी नियुक्तियों की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और ऐसी संभावना है कि मंत्री मंडल में फेरबदल के बाद मुख्यमंत्री प्रशासन में भी निकट भविष्य में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री खट्टर के इस कदम से जहां सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है तो वहीं शासन व प्रशासन में सार्थक परिणाम आने की संभावना भी बनी है।