मेरे खिलाफ शिकायतें गैरकानूनी और हार की बौखलाहट: चंद्रा

6/22/2016 9:54:22 AM

चंडीगढ़: हरियाणा से राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य और एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने राज्यसभा चुनाव में कथित धांधली को लेकर उनके खिलाफ पुलिस में दर्ज कराई गई विरोधी उम्मीदवार आर.के. आनंद और हरियाणा कांग्रेस की शिकायतों को गैर कानूनी और हार की बौखलाहट बताया है।

 

चंद्रा ने आज यहां मीडिया को जारी बयान में कहा कि मीडिया की रिपोर्टस के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है कि आर.के. आनंद और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्यसभा चुनाव के मतदान में इस्तेमाल हुए पेन के बदलने की मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन मैं यह साफ करना चाहूंगा कि ये शिकायतें न केवल गैर कानूनी और बेबुनियाद है बल्कि उनकी हार की बौखलाहट हैं।

 

चंद्रा ने कहा कि दिल्ली में निर्वाचन आयोग ने पूरी चुनाव प्रक्रिया की पुन: जांच की और उसके बाद परिणाम घोषितकिया। चुनाव के ठीक अगले दिन से ही कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था जो यह साबित करता है कि उनके पास मेरे खिलाफ आरोपों के कोई सबूत नहीं हैं। 

 

उन्होंने कहा कि तेरह जून को एक बार फिर मुझ पर आरोप लगाए गए कि मैंने चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाला पेन बदल कर धांधली करने की कोशिश की, लेकिन यह बात रिकॉड पर है कि सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी थी और किसी को इस बात का अहसास तक नहीं था कि मतों की गिनती के दौरान कांग्रेस के कई वोट रद्द हो जाएंगे। 

 

उन्होंने कहा कि 31 मई के पहले तक इनेलो ने ये साफ किया था कि वह अपने प्रत्याशी के लिए कांग्रेस का समर्थन नहीं लेगी। एक से दस 10 जून के बीच ऐसी मीडिया रिपोर्टस आईं जिनमें कांग्रेस ने आनंद से दूरी बनाई। इनेलो नेता अभय चौटाला ने यहां तक कहा कि अगर कांग्रेस आनंद का समर्थन करती है तो इससे उनकी पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। 

 

उन्होंने दावा किया कि 10 जून को अचानक आनंद ने अपनी निष्ठा इनेलो से हट कर कांग्रेस में जताई और कहा कि वह कांग्रेस की नीतियों का समर्थन करेंगे। इनेलो और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर भाजपा से सांठगांठ करने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि निर्देश के बावजूद कुछ विधायकों ने मतदान के दौरान जानबूझकर निर्धारित पेन का इस्तेमाल नहीं किया और गलत तरीके से मतदान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इनेलो द्वारा चुनाव से पूर्व आनंद के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी करना एक अपराध है और भारतीय दंड संहिता की धारा 171 के तहत दंडनीय अपराध है।