हरियाणा कांग्रेस में इस माह हो सकता है नेतृत्व परिवर्तन

5/2/2017 3:32:59 PM

हिसार(अरोड़ा):हरियाणा में कांग्रेस नेतृत्व में परिवर्तन की चर्चाओं व संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज इन दिनों पार्टी के दिल्ली दरबार में लॉबिंग में जुटे हुए हैं। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हाईकमान की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में फेरबदल के साथ-साथ हरियाणा, पंजाब व दिल्ली में भी इसी माह में नए प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाएं हैं। इसी फेरबदल के मद्देनजर हरियाणा कांग्रेस के तमाम बड़े नेता इन दिनों में दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित पार्टी के अन्य नेताओं से मुलाकातों का दौर चलाए हुए हैं और सभी नेता अपने-अपने तरीके से गोटियां फिट करने में लगे हैं। 

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के बीच पिछले काफी समय से खुले रूप से टकराव की स्थिति बनी है। दिल्ली में 6 अक्तूबर की घटना के बाद दोनों नेताओं के समर्थक एक-दूसरे के खिलाफ मुहिम चलाए हुए हैं और हुड्डा समर्थक जहां अशोक तंवर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने की मांग कर रहे हैं तो तंवर गुट 6 अक्तूबर की घटना के लिए हुड्डा को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ऐसा फार्मूला तैयार कर रहा है कि अशोक तंवर को पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर कोई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है और हरियाणा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ-साथ विधायक दल के नेता की कमान दूसरे नेताओं को सौंपी जा  सकती है। 

इन सूत्रों का कहना है कि इसी माह में होने वाले इस संभावित फेरबदल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा या पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा में से किसी एक को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है, मगर हुड्डा को कमान सौंपे जाने की संभावना अधिक व्यक्त की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुर्जेवाला भी कांग्रेस हाईकमान की पसंद हो सकते हैं।  इसके अलावा दो अन्य गैरजाट नेताओं के नाम भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए इन दिनों सियासी गलियारों में पूरी चर्चा में हैं। सूत्रों का कहना है कि यदि अध्यक्ष पद किसी जाट नेता को सौंपा गया तो निश्चित तौर पर कांग्रेस विधायक दल का नेता कोई गैरजाट होगा और यदि अध्यक्ष गैरजाट हुआ तो जाट नेता विधायक दल का नेता बनना तय होगा।

पंजाब का फार्मूला हो सकता है लागू
पिछले चुनावों में पराजय का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी की साख उत्तर भारत में केवल पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह ही बचाने में कामयाब रहे। कांगे्रस के नजदीकी सूत्र पंजाब में पार्टी की जीत के पीछे मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में चुनाव से काफी पहले कैप्टन अमरेंद्र सिंह को प्रस्तुत करने को भी बड़ा कारण मान रहे हैं। इन सूत्रों का कहना है कि 2019 में होने वाले चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी पंजाब फार्मूले पर चलते हुए जहां पार्टी संगठन में तो बदलाव करेगी ही वहीं चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के रूप में किसी प्रांतीय नेता को प्रस्तुत भी कर सकती है। इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा कल दिया बयान भी इसी ओर इशारा करता है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी को क्षेत्रीय नेताओं को आगे लाना चाहिए।