न हुई मकानों की नंबरिंग, न गलियों की

7/15/2019 11:33:56 AM

हिसार (संदीप): एक ओर जिला प्रशासन हिसार को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना तैयार कर रहा है, वहीं दूसरी ओर शहर की अर्बन प्लाङ्क्षनग व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई है। 90 प्रतिशत शहर में न तो मकानों की नंबरिंग है व न ही गलियों की प्रोपर नंबरिंग हुई है। शहरवासी अपने मकानों का स्थायी पता लेने के लिए तरस रहे हैं। वार्ड वाइज मकानों व गलियों की नंबरिंग करने के लिए नगर पार्षद भी निगम अधिकारियों को मांगपत्र दे चुके हैं।

पूर्व मेयर शकुंतला राजलीवाला के कार्यकाल में हुई हर हाऊस की बैठक में नगर पार्षद मकानों व गलियों की नंबरिंग करने की मांग उठाते रहे हैं। पार्षदों ने बताया कि हर हाऊस की बैठक में नंबरिंग का प्रपोजल पास हुआ है। पार्षदों ने इस कार्य को पूरा न करने के लिए निगम अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

सिर्फ सैक्टरों में है नंबरिंग
शहर में सिर्फ सैक्टरों में ही मकानों व गलियों की नंबरिंग की गई है। शहर की अन्य रिहायशी कालोनियों में नंबरिंग है ही नहीं। शहरवासियों ने अपनी सुविधानुसार गलियों व चौक -चौराहोंं के नाम रखे हुए हैं। जैसे जलेबी चौक, भाईचारा चौक, बड़वाली ढ़ाणी, कुंजलाल गार्डन, किसान कालोनी, चक्की वाली गली, पीपल वाली गली व हलवाई वाली गली आदि। लोगों ने अपने घरों के नजदीकी एरिया एक पहचान दे रखी है ताकि किसी को एड्रैस बताने में परेशानी न हो। वहीं आजाद नगर में मकानों की नंबरिंग तो की गई है परंतु वह क्रमांक अनुसार सही नहीं है।

ये होती है
शहरवासियों को परेशानी स्थायी पता नहीं है।
राशन, आधार कार्ड व  वोटर कार्ड में बनवाने में परेशानी होती है।
डाक, पार्सल, कॉरियर मंगवाने में दिक्कत होती है।
विद्याॢथयों को डॉक्यूमैंट वैरीफाई में दिक्कत होती है।
इन वार्डों में नहीं है नंबरिंग
वार्ड-10, 9, 7, 11, 19, 20,8, व वार्ड-1 में मकानों व गलियों की नंबरिंग नहीं है।
 

Edited By

Naveen Dalal