गुजवि में इस बार पीएचडी प्रोस्पैक्टस के साथ दाखिले होंगे ऑनलाइन

12/10/2015 9:54:46 PM

हिसार, (का.प्र.) : गुरु जम्भेश्वर महाराज के पर्यावरण रक्षा के लिए पेड़ बचाने के आह्वान को चरितार्थ करते हुए उनके नाम पर बनी गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी इस बार पीएचडी प्रोस्पैक्टस को ऑनलाइन करने जा रही है। विवि कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कार्यभार संभालने के 2 माह के भीतर ही गुजवि के कदम पर्यावरण प्रदूषण रोकने तथा डिजिटल इंडिया की दिशा में बढ़ाए हैं। 

वीसी के प्रयास से पीएचडी के लिए हर साल 53 हजार प्रोस्पैक्टस के लिए औसतन 45 पेजोंं के उत्कृष्ठ कागजों की बचत होगी। यह न सिर्फ पर्यावरण के लिहाज से बेहतर होगा बल्कि पीएचडी के दाखिला लेने के इच्छुक छात्र भी ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। इससे पहले छात्रों को पहले प्रोस्पैक्टस के लिए विवि आना पड़ता था और उसके बाद फार्म की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोबारा विवि कैम्पस आना पड़ता था। ऑनलाइन प्रोस्पैक्टस से दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के बाद वेबसाइट पर ही पंजाब नैशनल बैंक का चालान फार्म क्लिक करना होगा। उसका प्रोफोर्मा लेने के बाद बैंक जाकर निर्धारित राशि जमा करवानी होगी। फार्म भरने के बाद एडमिट कार्ड भी ऑनलाइन मिलेगा। गौरतलब है कि विवि ने इस बार पीएच.डी. दाखिले की फीस में कोई इजाफा नहीं किया है। 

वीसी टंकेश्वर कुमार ने विश्वविद्यालय के कमेटी रूम में मीडिया के समक्ष बुधवार को दाखिला प्रक्रिया से संबंधित बेवसाइट लांच की। विवि गठन के बाद पहली बार गुजवि में पीएचडी के दाखिले ऑनलाइन होने के साथ प्रोस्पैक्टस भी ऑनलाइन उपलब्ध होगा। विवि के इस महत्वपूर्ण कदम में साफ्टवेयर बनाने वाली टीम में कम्प्यूटर सेंटर के हैड मुकेश के नेतृत्व में दर्पण सलूजा,रामविकास व भारत भूषण के अतिरिक्त रजिस्ट्रेशन शाखा के राजबीर मलिक,देवेंद्र सिंह व महेंद्र सिंह योगदान है। 

वीसी टंकेश्वार कुमार ने बताया कि तकनीकी एवं प्राद्यौगिकी विश्वविद्यालय होने के कारण डिजीटल तकनीक को बढ़ावा देना भी विश्वविद्यालय का उद्देश्य है। इस दिशा में आगे भी नए कदम उठाए जाते रहेंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में पीएचडी के दाखिलों के लिए फार्म गुरुवार से ही उपलब्ध हो गए है। फार्म जमा कराने की अंतिम तिथि एक जनवरी है। प्रो. टंकेश्वर ने बताया कि ऑन लाइन दाखिला प्रक्रिया के लिए साफ्टवेयर विश्वविद्यालय के कंप्यूटर सेंटर में ही बिना किसी बाहरी सहायता के बनाया गया है। 

छात्रों की मदद के लिए होगी टीम 
चूंकि गुजवि में पहली बार पीएचडी के ऑनलाइन दाखिले हो रहे हैं इसलिए दाखिले के इच्छुक छात्रों की हर मुश्किल आसान करने के लिए कम्प्यूटर में दक्ष पूरी टीम मदद के लिए तत्पर रहेगी। वीसी ने बताया कि अगर कोई छात्र फार्म भरते समय अपना पासवर्ड भूल गया है तो टीम के सदस्य स्वयं फोन कर छात्र की मदद करेंगे। अधूरा फार्म या छात्र की फोटो मिस होने पर भी टीम सदस्य छात्र के टच में रहेंगे। इसके लिए या तो छात्र बैबसाइट में दर्शाए गए टेलीफोन नम्बर पर सम्पर्क कर सकता है अन्यथा टीम सदस्य छात्र की हर मुश्किल दूर करने के लिए उसके फोन पर सम्पर्क साधेंगे। इस अवसर पर रजिस्ट्रार प्रो. एमएस तुरान,एसवीसी एसएल सैनी,इंटरनल क्वालिटी एशोरेंस सेल के निदेशक प्रो. नीरज दिलबागी व डिस्टैंस एजूकेशन के डायरेक्टर महेश छाबा,प्रो.कुलदीप बंसल,प्रो.देवेंद्र कुमार,प्रो.विक्रम कौशिक आदि उपस्थित थे।