अढ़ाई महीने बाद जागा स्वास्थ्य विभाग का मुख्यालय

12/14/2018 1:10:44 PM

जींद(ब्यूरो): जिले में स्वास्थ्य विभाग की सैक्सुअल ह्रासमैंट कमेटी की अध्यक्ष डा. शशि सिंगला के साथ एक मामले की जांच के दौरान दुव्र्यवहार करने और जांच पूरी नहीं होने देने के मामले में स्वास्थ्य विभाग का मुख्यालय अढ़ाई महीने बाद अब आकर जागा है। स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक ने इस मामले में अब आकर जींद के सिविल अस्पताल के तत्कालीन और अब नूंह में तैनात नेत्र सहायक राजबीर बेरवाल को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। जींद के सिविल सर्जन की टिप्पणी के साथ यह जवाब एक सप्ताह में विभाग के मुख्यालय को भेजना होगा।

यह मामला कंडेला सी.एच.सी. में तैनात महिला ए.एन.एम. सरोज और स्नेहलता आदि की कंडेला के एस.एम.ओ. के खिलाफ शिकायत से जुड़ा है। महिला ए.एन.एम. की शिकायत पहले एस.एस.पी. को गई थी। एस.एस.पी. ने इसे डी.सी. कार्यालय भिजवाया था। जींद के डीसी अमित खत्री ने यह मामला सिविल सर्जन को स्वास्थ्य विभाग की सैक्सुअल ह्रासमैंट कमेटी से जांच के लिए भिजवाया था। स्वास्थ्य विभाग की सैक्सुअल ह्रासमैंट कमेटी ने अध्यक्ष डा. शशि सिंगला की अध्यक्षता में मामले की जांच 25 मई को सिविल अस्पताल के ट्रेङ्क्षनग सैंटर में शुरू की थी। जांच के सिलसिले में डा. शशि सिंगला और कमेटी की सदस्य स्वामी सरोजानंद, ऊषा जताना और इंदू आदि सिविल अस्पताल के ट्रेङ्क्षनग सैंटर में सम्बंधित ए.एन.एम. के बयान दर्ज कर रही थी।

उसी समय सिविल अस्पताल के नेत्र सहायक राजबीर बेरवाल और निलंबित चल रहे एम.पी.डब्ल्यू. शैलेंद्र ने जांच कमेटी के काम में दखल डाला था। कमेटी की चेयरमैन डा. शशि सिंगला ने सिविल सर्जन को शिकायत देकर कहा था कि जांच के दौरान राजबीर बेरवाल और शैलेंद्र ने बाधा डाली। ए.एन.एम. को बयान देने से रोका और खुद चेयरमैन के साथ दुव्र्यवहार किया। जांच कमेटी पर दबाव बनाने का प्रयास किया। इसके चलते डा. शशि सिंगला ने यह कहा था कि वह जांच करने में असमर्थ हैं। डा. शशि सिंगला ने यह शिकायत 24 जुलाई को सिविल सर्जन को दी थी।

28 अगस्त को डी.सी. अमित खत्री ने सिविल सर्जन को इस मामले में राजबीर बेरवाल और शैलेंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए लिखा था। इस पर सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक को 7 सितम्बर को पत्र लिखकर राजबीर बेरवाल और शैलेंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने का अनुरोध किया था। स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक कार्यालय ने डी.सी. और सिविल सर्जन के इस अनुरोध पर लगभग अढ़ाई महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की। वह कार्रवाई के पत्र पर कुंडली मारकर बैठ गया। इस दौरान सिविल सर्जन कार्यालय से स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक कार्यालय को इस सिलसिले में 4 रिमाइंडर भी भेजे गए।

मेवात के सिविल सर्जन को भेजा महानिदेशक का पत्र : सिविल सर्जन सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक कार्यालय से जींद के सिविल अस्पताल के तत्कालीन और अब मेवात में तैनात नेत्र सहायक राजबीर बेरवाल को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस और एक सप्ताह में इसका जवाब जींद के सिविल सर्जन की टिप्पणी के साथ मांगे जाने की पुष्टि की। सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने कहा कि महानिदेशक कार्यालय का यह पत्र राजबीर बेरवाल के जींद के पते के साथ-साथ मेवात के सिविल सर्जन को एक सप्ताह में बेरवाल का जवाब भिजवाने को लेकर भेज दिया गया है।

नेत्र सहायक से एक सप्ताह में मांगा जवाब जींद में स्वास्थ्य विभाग की सैक्सुअल ह्रासमैंट कमेटी की चेयरमैन डा. शशि सिंगला के साथ जांच के दौरान दुव्र्यवहार करने, जांच को बाधित करने और जांच कमेटी पर दबाव बनाने की शिकायत पर अब आकर स्वास्थ्य विभाग का मुख्यालय सख्त हुआ है। स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक ने नेत्र सहायक राजबीर बेरवाल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि इस मामले में क्यों न उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। एक सप्ताह में बेरवाल से इसे लेकर जवाब मांगा गया है। साथ ही जींद के सिविल सर्जन को पत्र भेजकर स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक कार्यालय ने यह कहा है कि जींद के सिविल सर्जन इस मामले में नेत्र सहायक राजबीर बेरवाल के जवाब को अपनी टिप्पणी के साथ भेंजे।

Deepak Paul