साढ़े 13 साल की उम्र में चला था दुल्हन लाने, बाल विवाह निषेध कार्यालय ने लौटाया बैरंग

10/2/2017 2:20:32 PM

जींद : हिसार जिले के बालक गांव का साढ़े 13 साल का एक बालक रविवार सायं जींद के समीपवर्ती गांव हैबतपुर में ब्याह रचाने पहुंचा। उसकी दुल्हन की उम्र भी 18 साल से कम थी। इस बाल विवाह की सूचना जींद की जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर को मिली। उन्होंने अपने कार्यालय के सहायक रवि लोहान तथा पुलिस की टीम हैबतपुर गांव भेजी। टीम ने बाल विवाह रुकवाते हुए एक बालक को बाल वर बनने से और एक लड़की को बालिका वधू बनने से रोका।

हिसार जिले के बालक गांव से रविवार को जींद के हैबतपुर गांव में वाल्मीकि समुदाय के एक घर में 2 युवक दुल्हे बनकर पहुंचे थे। इनकी शादी एक ही परिवार की 2 लड़कियों से होनी थी। इसमें एक लड़का महज साढ़े 13 साल का था। उसकी शादी जिस लड़की के साथ होनी थी, उसकी उम्र लगभग साढ़े 17 साल थी। वर और वधू दोनों नाबालिग थे। बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय के सहायक रवि लोहान और पुलिस ने जब इन दोनों के उम्र के प्रमाण पत्र मांगे तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ कि दोनों नाबालिग हैं। साढ़े 13 साल का दुल्हा बना बालक 9वीं कक्षा का छात्र है। उनकी कानूनन शादी नहीं हो सकती। 

इस बात को रवि लोहान और उनकी टीम ने दोनों के परिजनों को बताया और कहा कि यह विवाह गैर-कानूनी होगा तथा दोनों परिवारों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके बाद इस शादी को रोका गया। दोनों परिवारों को चेतावनी दी गई कि जब तक लड़के की उम्र 21 और लड़की की 18 साल नहीं हो जाती, तब तक दोनों का विवाह नहीं किया जाए। बाल विवाह रुकवाने वाली टीम में रवि लोहान के साथ ए.एस.आई. राजबीर सिंह, हैड कांस्टेबल कुलबीर, एस.पी.ओ. सुरेशकुमार, महिला हैड कांस्टेबल राजेश, कांस्टेबल सरिता, चाइल्ड हैल्पलाइन से विनोद, सुरेश आदि शामिल थे।