डी.सी. ने धान की फसल के अवशेष जलाने पर लगाई पाबंदी

10/11/2019 12:10:35 PM

जींद (ललित) : धान की फसल की कटाई के बाद अवशेष को जलाने पर डी.सी. डा. आदित्य दहिया ने पाबंदी लगा दी है। यदि कोई किसान ऐसा करता पाया जाता है तो उस पर जुर्माना किया जाएगा। डी.सी. ने यह आदेश भारतीय दंड प्रक्रिया नियमावली -1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए हैं। जिले में धान की कटाई शुरू हो चुकी है और कई किसान धान की फसल की कटाई के बाद अवशेषों को जला देते हैं। इससे उत्पन्न धुआं और स्मॉग मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।

फसल अवशेष जलाने से भूमि के मित्र कीट भी मर जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे फसल की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसलिए कोई भी किसान फसलों के अवशेष नहीं जलाए। डी.सी. डा. आदित्य दहिया ने जिले के किसानों से कहा है कि वह फसल अवशेषों को जलाने की बजाय इसका प्रयोग फसल चारे के रूप में करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

जारी आदेशों में स्पष्ट कहा गया है कि अगर कोई किसान फसल अवशेष जलाता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा -188 वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम -1981 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जारी आदेश अक्तूबर और नवम्बर 2 महीने तक लागू रहेंगे। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह इन आदेशों का अधिकाधिक प्रचार एवं प्रसार करवाना सुनिश्चित करें ताकि हर व्यक्ति को इन आदेशों की जानकारी प्राप्त हो सके। 

63 कर्मचारी संभालेंगे मोर्चा
जिले की परिधि में किसी भी सूरत में फसल अवशेष नहीं जलाए जा सके, इसके लिए जिलाधीश ने कृषि विभाग के 63 कर्मियों की डयूटियां भी निर्धारित कर दी गई हैं। प्रत्येक कर्मी को 5-5 गांव अलाट किए गए हैं। यह कर्मी अलाट किए गए गांवों में फसल अवशेष जलाने पर पूरी निगरानी रखेंगे और अगर कोई किसान फसल अवशेष जलाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।
 

Isha