विस चुनावों में सरकार को करना पड़ेगा बड़े किसान आंदोलन का सामना

8/20/2019 12:17:17 PM

जींद (जसमेर): प्रदेश में अपने लिए मिशन-75 लेकर मैदान में उतरे सी.एम. मनोहर लाल और उनकी भाजपा सरकार को विधानसभा चुनावों में बड़े किसान आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। जींद के किला जफरगढ़ गांव से शुरू हुआ किसान आंदोलन अब प्रदेश के 9 से ज्यादा जिलों में दस्तक दे चुका है। मंगलवार को रोहतक से किसान यात्रा शुरू हो रही है जो 9 जिलों में 600 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर किसानों को उनके मुद्दों पर जागरूक करेगी। 

एस.वाई.एल. नहर से हरियाणा को उसके हिस्से का नहरी पानी दिलवाने से लेकर जमीन अधिग्रहण के अवार्ड में संशोधन करवाने और किसानों की दूसरी कुल 20 मांगों को लेकर इस समय प्रदेश में किसान आंदोलन चल रहा है। यह आंदोलन स्वाभिमान आंदोलन के बैनर तले चलाया जा रहा है। इस आंदोलन के जरिए स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष रमेश दलाल प्रदेश के किसानों को लामबंद करने में जुटे हैं। जींद जिले के किला जफरगढ़ गांव से शुरू हुए किसान आंदोलन ने अब दादरी, करनाल, पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल, रोहतक, झज्जर और महेंद्रगढ़ जिलों में दस्तक दे दी है। इन सभी जिलों में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर धरने शुरू कर दिए हैं।

2 महीने से भी ज्यादा समय से चल रहे इस किसान आंदोलन को विधानसभा चुनावों से पहले नई धार देने के लिए मंगलवार को रोहतक से किसान यात्रा शुरू की जा रही है। उत्तर-प्रदेश के बड़े किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत ने ही इससे पहले उत्तर-प्रदेश से दिल्ली तक के लिए किसानों की ट्रैक्टर यात्रा निकाली थी। हरियाणा में पहली बार किसान ट्रैक्टर यात्रा स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष रमेश दलाल की अगुवाई में मंगलवार को रोहतक से शुरू हो रही है। किसानों के मसीहा दीनबंधू छोटूराम के घर से यह यात्रा शुरू होकर पहले चरण में रोहतक, झज्जर, सोनीपत जिलों से होते हुए जींद जिले के खरकरामजी गांव पहुंचेगी। 5 दिन की इस यात्रा के दौरान किसानों को उनकी मांगों और हकों को लेकर जागरूक कर सरकार पर इन मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बनाया जाएगा। 

Isha