सिविल अस्पताल में आधा-अधूरा फायर सेफ्टी प्लांट, लाखों खर्च कर बने महज मौत के कुएं

4/15/2019 11:10:43 AM

जींद (जसमेर): सिविल अस्पताल में आधा-अधूरा फायर सेफ्टी प्लांट लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद महज मौत के कुएं बनकर रह गए हैं। मौत के इन कुओं में गिरकर कभी भी कोई बड़ा और हादसा हो सकता है। सिविल अस्पताल की 100 बैड की नई बिल्डिंग में लाखों रुपए खर्च कर फायर सेफ्टी प्लांट बनाया गया।  प्लांट उसी समय से आधा-अधूरा पड़ा है, जब सिविल अस्पताल की नई बिल्डिंग में इंडोर और ओ.पी.डी. सेवाएं शिफ्ट की गई थी।

अस्पताल के फायर सेफ्टी प्लांट के लिए बहुत बड़ा वाटर टैंक बनाया गया। वाटर टैंक ऊपर से पूरी तरह कवर्ड है और इसकी गहराई 15 फुट से भी ज्यादा है। आज तक इसे शुरू नहीं किया गया है। इस वाटर टैंक में 2 बहुत बड़े होल ऊपर लैंटर में छोड़े गए हैं। यही 2 बड़े होल इसे मौत के कुएं बना रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इतने बड़े और गहरे वाटर टैंक में सीधे उतरने के लिए कोई रास्ता नहीं हो। टैंक में उतरने का सीढिय़ों वाला रास्ता तो है लेकिन उसके गेट पर ताला लगाकर उसे बंद किया गया है।

इस सूरत में अगर कोई खुले होल से वाटर टैंक में गिर गया तो फिर उसकी वहीं मौत तय है। हैरानी की बात यह है कि पिछले लगभग 2 साल से यह स्थिति बनी हुई है और आज तक अस्पताल प्रशासन ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया है। वाटर टैंक नई बिल्डिंग के पीछे बना हुआ है और यहां से लोगों की आवाजाही रहती है। ऐसे में कोई बच्चा खुले मैन होल से वाटर टैंक में गिर सकता है या किसी बड़े के साथ भी ऐसा हादसा हो सकता है। 
 

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