हाईकोर्ट ने नॉन-एलिजिबल एक्सटेंशन लेक्चरार को दी राहत

1/7/2018 1:50:22 PM

जींद(ब्यूरो):प्रदेश के सरकारी कालेजों में कई सालों से एक्सटेंशन लेंक्चरार के रूप में बच्चों को पढ़ाने वाले नॉन-एलिजिबल लेक्चरार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। इन लेक्चरार को उस समय तक नौकरी में वापस लेना होगा, जब तक उनकी जगह पूरी तरह से एलिजिबल लेक्चरार की नियुक्ति नहीं हो जाती। जुलाई में हरियाणा के उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने फरमान जारी कर प्रदेश के सरकारी कालेजों में एक्सटेंशन लेंक्चरार के रूप में बच्चों को पढ़ाने वाले उन लेक्चरार को नौकरी से बाहर कर दिया था, जिन्हें निदेशालय ने इस पद के लिए नॉन-एलिजिबल माना था। इसमें गाज उन एक्सटेंशन लेंक्चरार पर पड़ी थी, जिन्होंने नैट क्वालीफाई नहीं किया हुआ था। 

इसमें लगभग 2,000 एक्सटैंशन लैक्चरार की नौकरी चली गई थी। उच्चतर शिक्षा निदेशालय के इन आदेशों से प्रभावित हुए ऐसे कई नॉन-एलिजिबल एक्सटैंशन लैक्चरार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। चुनौती देने वालों में चंचल, लक्ष्मी, सुषमा, मंजू व अर्चना आदि शामिल थे। हाईकोर्ट के न्यायाधीश अमोल रत्न सिंह ने इस याचिका की सुनवाई करते हुए नॉन-एलिजिबल एक्सटेंशन लेक्चरार को राहत दी है। इसमें यह जरूर है कि उन्हीं नॉन-एलिजिबल एक्सटेंशन लेक्चरार को दोबारा नौकरी में रखा जाएगा, जिनके लिए उनके कालेजों में अध्यापन का कार्य उपलब्ध है।