बैंकों के 200 करोड़ से ज्यादा के लोन पर डिफाल्टरों की कुंडली

2/10/2019 2:44:21 PM

जींद(जसमेर): जिले में विभिन्न बैंकों से कृषि तथा दूसरे काम-धंधों के लिए लोन लेने वाले 6 हजार से ज्यादा लोग अब डिफाल्टर की कैटेगरी में आ चुके हैं। इन 6 हजार से ज्यादा लोगों से बैंकों को 200 करोड़ से ज्यादा की रिकवरी करनी है। इनके खाते एन.पी.ए. हो चुके हैं। अकेले पंजाब नैशनल बैंक के ही 120 करोड़ रुपए से ज्यादा लोगों की तरफ अटके हुए हैं। रिकवरी के मामले में बर्फ इतनी मोटी जम चुकी है कि पिघलने का नाम नहीं ले रही। जिले में पंजाब नैशनल बैंक सहित विभिन्न सरकारी बैंक किसानों को किसान कै्रडिट कार्ड और दूसरे कृषि कार्यों के लिए लोन देते हैं। 

इसके अलावा दूसरे काम-धंधों के लिए भी बैंक लोन मंजूर करते हैं तथा उस पैसे से लोग अपने काम-धंधे शुरू करते हैं। जिले में पंजाब नैशनल बैंक सबसे बड़ा बैंक है। पी.एन.बी. सहित दूसरे सरकारी बैंकों का जिले में 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन ऐसा है जिसकी अब रिकवरी नहीं हो पा रही। यह 200 करोड़ रुपए का लोन लगभग 6 हजार लोगों की तरफ बकाया है। अकेले पी.एन.बी. के ही जींद जिले में ऐेसे 5 हजार डिफाल्टर लोनी हैं तथा इनसे बैंक को लगभग 120 करोड़ रुपए की रिकवरी करनी है। यह लोनी अपनी तरफ बकाया पैसे को बैंक के पास जमा नहीं करवा रहे। बैंक इस तरह के लोनी के खातों को एन.पी.ए. कर चुके हैं। 

कैंपों से भी वसूली के मामले में नहीं पिघल रही बर्फ
डिफाल्टर लोनी की तरफ बकाया अपने पैसे की वसूली के लिए बैंक हर महीने कैंप लगा रहे हैं। इन कैंपों में लोनी किसानों और दूसरे लोगों को उनकी तरफ बकाया राशि में काफी छूट भी बैंकों की तरफ से दी जा रही है लेकिन वसूली के मामले में जमी बर्फ पिघलने का नाम नहीं ले रही। कई बार तो कैंप में एक भी डिफाल्टर अपनी तरफ बकाया पैसे को जमा करवाने के लिए तैयार नहीं होता। 
 

Deepak Paul