1 घंटे तक एंबुलेंस के इंतजार में तड़पती रही युवती, ऑटो में ले जाना पड़ा निजी अस्पताल

9/27/2016 8:18:46 PM

जींद (सुनील मराठा): जींद सरकारी अस्पताल में मंगलवार को फिर से एंबुलेंस सेवा की पोल खुल गई। पंचकुला में सी.बी.आई. कोर्ट के जज के मामले के बाद एक बार फिर से मरीज को एंबुलेंस नहीं मिली। मंगलवार को एंबुलेंस के इंतजार में युवती सामान्य अस्पताल के स्ट्रेचर पर तड़पती रही, लेकिन युवती की तबीयत बिगड़ता देख परिजनों ने युवती को आटो में ले जाना ही उचित समझा। परिजनों ने आरोप लगाया कि मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया और रैफर कर पल्ला झाड़ लिया गया। 

मामले के अनुसार लोको कालोनी के राजीव की 19 साल की बेटी नेहा को तेज बुखार के चलते सामान्य अस्पताल लाया गया। तेज बुखार के चलते युवती पूरी तरह से बेसुध थी। सामान्य अस्पताल में चिकित्सकों ने युवती को ग्लूकोज लगाकर उसी पीजीआई रोहतक रैफर कर दिया। इसके बाद युवती के परिजन युवती को एंबुलेंस में ले जाने के लिए बाहर आ गए। यहां पर लगभग एक घंटे तक वह एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। बार-बार उन्होंने एंबुलेंस कंट्रोल रूम से एंबुलेंस उपलब्ध करवाने के लिए कहा। कंट्रोल रूम के कर्मचारियों द्वारा एंबुलेंस रोहतक जाने की बात कही गई और उसे जुलाना तक पहुंचाने का हवाला दिया। युवती के परिजन एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। नेहा की बिगड़ती तबीयत को देखकर परिजन नेहा को आटो में लेकर निजी अस्पताल में ले गए। यहां से उसे अस्पताल की एंबुलैंस से पीजीआई रोहतक ले जाया गया।


युवती के पिता राजीव ने बताया कि उसकी बेटी बेसुध हो चुकी है। चिकित्सक ने ग्लूकोज लगा कर पीजीआई का पर्चा थमा दिया, जबकि उसकी बेटी को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी। पिछले एक घंटे से एंबुलेंस का इंतजार किया जा रहा है। हर बार यही जवाब मिलता है कि एंबुलेंस रोहतक से लौट रही है। आखिरकार उन्होंंने बेटी की जान बचाने के लिए आटो बुलानी पड़ी। इस पर लोगों का कहना था कि अगर समय पर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलें तो मरीजों का जीवन रामभरोसे है। 

एंबुलेंस सेवा के नोडल आफिसर डा. राजेश भोला ने बताया कि फिलहाल उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है। न ही मामला उनके संज्ञान में है। अगर शिकायत आती है तो स त एक्शन लिया जाएगा और मामले की तह तक जाया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं में ढील को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।