एक शिकायत, 100 फोन, 8 घंटे में हुआ समाधान

8/27/2019 12:03:05 PM

जींद: यदि आप बिजली निगम से बिजली संबंधी शिकायत का समाधान करवाने की उम्मीद रखे हुए हैं तो यह उम्मीद बेमानी है। कारण यह है कि आप द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत का समाधान होने में 8 घंटे तक लग जाते हैं। निगम के अधिकारी भले ही शिकायतों का निपटारा 30 मिनट में करवाने का दावा करते हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। सैनी मोहल्ला में सैनी रामलीला ग्राऊंड के सामने लगे ट्रांसफार्मर के एक फेस में बिजली 5 बजे गुल हो गई। जब लोगों को पता लगा कि दूसरे फेस में लाइट है तो उन्होंने इसकी शिकायत निगम के कंट्रोल रूम में 6 बजे कर दी। बिजली निगम के कंट्रोल रूम से लेकर एरिया फोरमैन को भी समस्या से अवगत करवा दिया गया। इस एरिया में सबसे बड़ी बात यह है कि जिस फोरमैन के पास फोन है, उसका कहना था कि उसकी ड्यूटी रात को 10 बजे होती है।

उसने शिकायत के समाधान के लिए कोई गंभीरता 4 घंटे के दौरान नहीं दिखाई। फोरमैन का कहना था कि शिकायत ज्यादा है, आपका नंबर आते ही समाधान हो जाएगा। 10 बजे तक समस्या का समाधान नहीं होने पर फोरमैन से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि नंबर आने पर समाधान होगा। इसके बाद तो उनका मोबाइल फोन भी बिजी हो गया। समस्या को लेकर एरिया के लोगों ने संबंधित जे.ई. से संपर्क किया, मगर उन्होंने तो फोन ही रिसीव नहीं किया। इस एरिया के लोगों ने अपनी समस्या को लेकर 100 बार से ज्यादा कंट्रोल रूम में फोन किया। 8 घंटे में 100 बार फोन के बाद ही समस्या का समाधान हो पाया।लोगों ने कहा कि निगम के अधिकारियों को चाहिए कि वे ऐसे लोगों को नंबर दें, जो सारी जानकारी अपडेट रखें और आम लोगों के नंबर भी रिसीव करें।

लोगों ने कहा कि जब संबंधित एरिया का जे.ई. और फोरमैन ही फोन नहीं उठाएंगे और कोई रिस्पांस नहीं देंगे तो आम आदमी अपनी समस्या को लेकर कहां जाएगा।    लोगों के अनुसार निगम का कंट्रोल रूम भी राम भरोसे चल रहा है। इस पर तैनात कर्मचारी फोन ही नहीं उठाते हैं। यदि वह फोन उठाते भी हैं तो उन्हें सही जानकारी का पता ही नहीं होता। उनका कहना होता है कि आपकी शिकायत संबंधित एरिया में भेज दी गई है। शिकायत का स्टेटस कैसे पता चल पाएगा, इसके बारे में कोई जानकारी लोगों को नहीं होती। केवल 2-3 कर्मियों की रहती है ड्यूटीसब सैंटरों पर कर्मचारियों की ड्यूटी 8 घंटे की होती है। जींद शहर का एरिया बड़ा है और सब सैंटरों पर स्टाफ की कमी है। हर रोज सब सैंटर पर 2 दर्जन से ज्यादा शिकायतें आती हैं। ऐसे में एक शिकायत के समाधान पर यदि कर्मचारी 30 मिनट का समय भी लगाता है तो उसकी ड्यूटी का समय हो जाता है। ऐसे में शिकायतों की संख्या को देखते हुए सब सैंटरों पर कर्मचारी कम तैनात हैं।  

Isha