जल संरक्षण में टॉप-9 पंचायतें 26 जनवरी को होंगी सम्मानित

12/15/2018 2:51:39 PM

जींद(प्रदीप): जल की कीमत समझते हुए जल बचाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही पंचायतों के लिए अच्छी खबर यह है कि जिले में जो भी पंचायत जल संरक्षण को लेकर टॉप-9 में आएगी, उन पंचायतों को 26 जनवरी पर सम्मानित करने के साथ उसे गांव की जनसंख्या के हिसाब से ईनाम राशि भी मिलेगी।इसके लिए जन स्वास्थ्य विभाग ने उन पंचायतों से आवेदन मांगे हैं, जो जल बचाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही हैं। 31 दिसम्बर तक पंचायतों को अपना आवेदन जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग में जमा करवाना होगा। जन स्वास्थ्य विभाग ने साल 2013 में जल संरक्षण एवं स्वच्छता मिशन की शुरूआत की गई थी। योजना के तहत हर साल की 26 जनवरी और 15 अगस्त को उन पंचायतों को सम्मानित करने के साथ उन्हें प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया था, जो जल बचाने की दिशा में गंभीर प्रयास करेंगी।

योजना को सिरे चढ़ाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग ने तभी से अपने प्रयास शुरू कर दिए थे, जो अभी भी जारी हैं। ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए जल संरक्षण एवं स्वच्छता कमेटी गठित कर दी गई। लोगों को जागरूक करने के लिए जींद के विभाग द्वारा गठित कमेटी द्वारा इस साल अब तक 141 गांवों के 92497 घरों में दस्तक दी जा चुकी है। इसके अलावा जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग द्वारा गांवों में गली और मोहल्लों में 3791 ग्रुप मीटिंग कर पानी की बर्बादी नहीं करने और जल बचाने के लिए गंभीर कवायद की है।
 

विभाग की तरफ से स्कूलों में भी 59 प्रोग्राम कर बच्चों को जल के महत्व के बारे में बताया जा चुका है। विभाग के इस तरह के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी आ रहे हैं। जल बचाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही टॉप-9 पंचायतों को 26 जनवरी पर सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए पंचायतों से आवेदन मांगे गए हैं। यह आवेदन विभाग के कार्यालय में 31 दिसम्बर से पहले जमा करवाने होंगे। इसके बाद 1 से 10 जनवरी तक एस.डी.ओ. और एक्स.ई.एन. जन स्वास्थ्य विभाग उन गांवों का दौरा कर फाइनल करेंगे कि यह पंचायत अवार्ड लायक हैं या नहीं। 15 जनवरी को उन पंचायतों का नाम पुरस्कृत करने के लिए विभाग के मुख्यालय को भेजा जाएगा। जल संरक्षण को लेकर जिन पंचायतों को अवार्ड मिलना होता है, उसके लिए जन स्वास्थ्य विभाग ने मापदंड तय किए हुए हैं। इसके तहत गांव में 75 प्रतिशत पेयजल कनैक्शन वैध होने चाहिएं। गांव के सभी पेयजल कनैक्शनों पर टैप लगी होनी चाहिएं। वही पंचायत जल बचाने की भूमिका को लेकर अवार्ड के लिए दावा कर सकती है।

अब तक 35 पंचायतों को मिल चुका है पुरस्कार
जल संरक्षण और स्वच्छता को लेकर जींद जिले की 35 पंचायतों को अब तक 15 अगस्त और 26 जनवरी को सम्मानित और पुरस्कृत किया जा चुका है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जिला सलाहकार रणधीर मताना के अनुसार 2 हजार की आबादी वाली पंचायत को 20 हजार रुपए, 3 हजार की आबादी वाली पंचायत को 30 हजार रुपए, 4 हजार की आबादी वाली पंचायत को 40 हजार और 5 हजार या इससे ज्यादा की आबादी वाली ग्राम पंचायत को 50 हजार रुपए की राशि पुरस्कार के रूप में दी जाती है। एक पंचायत को केवल एक बार ही जल संरक्षण और स्वच्छता का पुरस्कार मिलता है।

हर ब्लाक से एक पंचायत को मिलेगा पुरस्कार : मताना जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के जिला सलाहकार रणधीर मताना ने कहा कि जो भी पंचायतें जल संरक्षण को लेकर गंभीर प्रयास कर रही हैं, वह अपना आवेदन 31 दिसम्बर से पहले जमा करवा सकती हैं। विभाग की टीम द्वारा आवेदन करने वाले गांवों का सर्वे करने के बाद ही पंचायतों के अवार्ड के लिए मुख्यालय को नाम भेजा जाएगा। 26 जनवरी को टॉप-9 पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा।

इसमें हर ब्लाक से एक पंचायत को चुना जाएगा। अगर एक ब्लाक से 2 पंचायतें जल संरक्षण की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही हैं तो 2 पंचायतों को भी सम्मानित किया जा सकता है। इन अवसरों पर सम्मानित और पुरस्कृत होने वाली पंचायतें दूसरी पंचायतों के लिए रोल माडल होंगी। उनके लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेंगी। जिला स्तर पर डीसी द्वारा सम्मानित होना हर पंचायत के लिए अपने आप में एक गर्व की बात है।

Deepak Paul