रजबाहा टूटने से कई खेत हुए जलमग्र

11/20/2015 5:56:02 PM

सफीदों,(सत्यदेव शर्मा) : आज सुबह सफीदों के कालवा गांव में रजबाहा नंबर तीन टूटने से दर्जनों खेत जलमग्र हो गए। इसमें किसानों द्वारा अधिकतर जमीन में गेहूं की बिजाई की जा चुकी थी। किसानों ने नहरी विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए नहरी विभाग,सरकार व सफीदों प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट किया। 
शुक्रवार को सुबह लगभग 9 बजे कालवा गांव के किसान खेत में पहुंचे तो उन्होंने अपने खेतों को जलमग्र देखा। तुरंत अन्य किसानों को भी इसकी सूचना दी गई इसके बाद दर्जनों किसानों ने मौके पर आकर रजबाहे के पानी को काबू करना चाहा, परंतु पानी का बहाव अधिक होने के कारण पानी पर काबू नहीं कर पाए। इसकी सूचना नहर विभाग के अधिकारियों को दी गई। सूचना पाकर भी अधिकारी काफी देर बाद मौके पर पहुंचे।
मौके पर पहुंचे एसडीओ व जेई द्वारा आनन-फानन में जेसीबी मशीन मंगवाई गई। उससे रजबाहे के पानी पर काबू पाया। इसमें किसानों द्वारा भी पूरा सहयोग किया गया। परंतु जब तक पानी पर काबू पाया गया तब तक बहुत से खेतों में पानी अपना कहर बरपा चुका था। 
काफी मशकत के बाद रजवाहे के पानी को काबू किया गया। रजबाहे का टूटना का कारण अधिकारियों द्वारा चूहों के बिल बताए जा रहे हैं जबकि किसानों का आरोप है कि विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण रजबाहे की पटरी कई जगहों से कमजोर है जो कई बार टूट चुकी है। उसमें विभाग के अधिकारियों द्वारा लीपापोती ही की गई है। इससे बार बार इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नहरी विभाग द्वारा स्थाई रूप से पटरी को ठीक नहीं किया जाता। पटरी पर कई स्थानों पर दरारें आई हैं और कई स्थानों पर पटरी टूटी हुई है जिसमें मिट्टी के कट्टे आदि लगाकर ही विभाग द्वारा खानापूर्ति की गई है। किसानों ने सरकार से मुआवजा दिए जाने की मांग की है।