डेंगू जैसी बीमारियों से सतर्क रहें : वर्मा

9/11/2017 3:22:48 PM

कैथल(पराशर): उपायुक्त सुनीता वर्मा ने जिला वासियों का आह्वान किया है कि वे वर्षा ऋतु के दौरान फैलने वाली डेंगू जैसी बीमारियों से सतर्क रहें। इन बीमारियों से बचाव के तरीके अपनाएं तथा इनसे भयभीत न होकर समय पर उपचार करवाएं। अपने कूलर, रैफ्रिजरेटर, पानी की टैंकियों, पक्षियों के पीने के पानी के बर्तनों, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तनों व पुराने टायरों में जमा पानी को सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें। डेंगू का मच्छर खड़े हुए साफ पानी में ही पनपता है। पानी के श्रोतों को ढक कर रखें। वर्मा ने बताया कि डेंगू की बीमारी मादा एडीज एजिप्टाई नामक मच्छर के काटने से फैलती है, जो खड़े हुए साफ पानी में पनपता है। यह मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटता है। इस मच्छर की संरचना हल्के भूरे रंग की होती है जिसके शरीर पर शेर के शरीर की तरह सफेद रंग के गोल छल्ले बने होते हैं। यह मच्छर प्राय मानसून के बाद 15 डिग्री सैंटीगे्रट से 25 डिग्री सैंटीग्रेट के तापमान में पनपता है।

डेंगू के लक्षणों में बहुत तेज बुखार होना, आंखों को घुमाते समय आंखों के पीछे वाले हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द होना, तेज सिर दर्द होना, शरीर पर गुलाबी चकते उभरना, जी मिचलाना व उल्टियां आना, लसिका ग्रंथियों का बढ़ जाना, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द होना तथा मुंह, नाक व मसूड़ों से खून आना शामिल हैं। यह मच्छर घरों में रखे हुए कूलर, फ्रिज, पानी की टैंकियों, नारियल के खोल, घरों की छतों पर पक्षियों के पीने हेतु रखे गए पानी के बर्तनों, पशुओं के पीने के लिए बनाई गई पानी की होदियों तथा छतों पर रखे हुए व्यर्थ टायरों में जमा पानी के अंदर अंडे देता है। तथा लगभग 8 से 10 दिन अवधि में व्यस्क मच्छर का आकार ले लेता है। यह मच्छर घरों के अंदर ही रहता है तथा लगभग 100 से 500 मीटर की दायरे में स्थित सभी घरों में पहुंच जाता है।