घर बैठे कर्मी दिव्यांगता के आधार पर एक्सटेंशन के अधिकारी नहीं: हाईकोर्ट

10/18/2018 3:11:26 PM

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि रिटायरमेंट के बाद न्यूनतम 70 प्रतिशत दिव्यांगता वाले कर्मियों को 2 वर्ष की एक्सटेंशन वाली हरियाणा सरकार की पॉलिसी उनके लिए नहीं है, जो घर बैठे हुए हैं। 31 जनवरी-2006 की पॉलिसी के निर्देशों के तहत लाभ दिए जाने की मांग वाले 6 वर्ष पूर्व दायर केस में हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है। याची ने उन्हें परिणामी लाभ प्रदान करने की भी मांग की थी। सरकार के संबंधित निर्देशों में ऐसे कर्मियों की रिटायरमैंट आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई थी। हाईकोर्ट को सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि याची का केस सरकार ने मंजूर कर लिया है और उन्हें रकम भी जारी हो चुकी है। वहीं, याची के वकील ने दलील दी कि वह देरी से पेमेंट पर ब्याज का भी हकदार है।

हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि बिना काम किए भी सरकार द्वारा उन्हें 2 वर्ष की सैलरी का एरियर दिए जाने पर याची व उनके परिवार को संतोष जताना चाहिए। हाईकोर्ट ने सरकार के निर्देशों के सिद्धांतों की व्याख्या करते हुए कहा कि दिव्यांगता वाले कर्मी को अपनी ड्यूटी निभाने में सक्षम होना चाहिए। हाईकोर्ट ने याची की याचिका को रद्द करते हुए कहा कि मूल राशि याची को पहले ही मिल चुकी है और ब्याज देने के आदेश जारी करने से सरकारी राजकोष पर असर पड़ सकता है, जो कि टैक्स पेयर्स का पैसा है। संबंधित आदेश जारी करने का कोई औचित्य नहीं बनता।

Deepak Paul