करोड़ों रुपए ग्रांट खर्च करने के बाद भी अधूरा है फल्गु तीर्थ विस्तारक का कार्य

8/15/2019 1:08:03 PM

पूंडरी (अतुल) : गांव फरल के फल्गु तीर्थ पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी तीर्थ विस्तारक का काम अधूरा पड़ा हुआ है। जो कार्य अभी तक किया गया है, उसमें प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से काफी गोलमाल होने की आशंका ग्रामीणों द्वारा व्यक्त की जा रही है। ग्रामीण रोष स्वरूप फल्गु तीर्थ पर हुए कार्यों को लेकर 20 अगस्त के मुख्यमंत्री के प्रस्तावित जन चेतना यात्रा के दौरान फरल में मुख्यमंत्री को मांगपत्र भी सौंपेंगे कि वर्ष 2018 में आयोजित मेले के दौरान खर्च व वर्ष -2015 मेेले के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 2.50 करोड़ रुपए की ग्रांट के खर्च की जांच करवाई जाए। विस्तारक तीर्थ को बनाने का जब कार्य शुरू हुआ था, तभी से ही निर्माण सामग्री और अन्य कार्य को लेकर इस पर सवाल खड़े होते रहे हैं। 

निर्माण कार्य को लेकर कई बार ग्रामीणों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायतें भी कि गई, लेकिन जांच के नाम पर सिवाय खानापूर्ति के इस पर कुछ नहीं हुआ। तीर्थ का आलम यह है कि अब जरा सी बारिश होने पर पानी प्लेट फार्मों और घाटों पर खड़ा हो जाता है। जिसके चलते घाटों और प्लेट फार्म पर लगा पत्थर उखडऩा शुरू हो गया है। गत वर्ष आयोजित मेले के दौरान भी मुख्यमंत्री द्वारा तीर्थ के सौंदर्यीकरण के लिए 4.98 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे, जिसमें से मेला प्रशासन ने मेले के आयोजन में कम समय का हवाला देते हुए लगभग 1.50 करोड़ रुपए मेला प्रबंधन पर ही खर्च किए और शेष पैसा मेले के बाद तीर्थ का काम करवाने का आश्वासन दिया गया। 

इसके अलावा मेले के दौरान तीर्थ की सफाई करने के लिए पानी निकालना था और उसमें पनप रही मछलियों को ग्राम सरपंच द्वारा 9.50 लाख रुपए में बेचा गया और ग्रामीणों को उस पैसे को तीर्थ पर ही खर्च करने के लिए कहा गया, लेकिन आज तक उस पैसे को भी नहीं लगाया गया और उसे गोलमाल कर दिया गया। किसान संघ के प्रदेश सचिव एवं समाज सेवी रणदीप आर्य, बजेंद्र सिंह, विक्की राणा, दिलबाग सिंह, महिपाल, सोहनलाल, शेर सिंह व जिले सिंह ने कहा कि सरकार फल्गु तीर्थ के लिए हर मेले के दौरान करोड़ों रुपए की ग्रांट तीर्थ व गांव के विकास के लिए देती है, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों द्वारा उस राशि में से 50 प्रतिशत ग्रांट भी सही ढंग से खर्च नहीं की जाती है और शेष सभी बांटकर खा जाते हैं। उन्होंने कहा कि 20 अगस्त के मुख्यमंत्री के गांव आगमन पर उन्हें लिखित में पुरी स्थिति से अवगत करवाया जाएगा। आर.टी.आई. लगाने वाले जयपाल ने आर.टी.आई. के माध्यम से 2018 में ंआयोजित मेले पर खर्च की आर.टी.आई. ली थी, जिसमें कई विभागों द्वारा बनाए गए फर्जी बिलों का खुलासा भी हुआ था।

Isha