तेज बरसात से जन-जीवन अस्त-व्यस्त, तैरते हुए धान को देखकर भावुक हुए किसान

10/1/2019 1:47:40 PM

गुहला/चीका (गोयल): धान के सीजन के शुरूआती दौर में इंद्र देवता ने भी कमर कस ली है, जिसके चलते दोपहर अचानक आई तेज बरसात ने जहां पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं किसानों का धान पानी के बीचोंबीच तैरता नजर आया। जिन किसानों की धान पानी निकासी न होने वाली जगह पर गिराई गई थी उनका आधे से ज्यादा धान पानी में बह गया।

मंडी में पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं है जिस कारण आज किसानों व व्यापारियों ने मार्कीटिंग बोर्ड के खिलाफ रोष जाहिर भी किया। जानकारी अनुसार धान का सीजन पूरे यौवन पर है, दोपहर को अचानक तेज बरसात शुरू हो गई। आनन-फानन में किसानों ने अपना धान बचाने के लिए तिरपालों का प्रबंध किया, लेकिन इतनी देर में तमाम धान की ढेरी पानी में भीग गई और कुछ किसानों का धान चलते पानी पर तैरता नजर आया।

मंडी में आज पानी काफी स्थानों पर लबालब भरा था। किसान निर्मल सिंह, धनपत, जोगिंद्र सिंह, प्रेम, राहुल, रोहताश, लाभ सिंह, नैब सिंह, जगदीश चंद ने बताया कि बरसात के पानी में किसानों का पीला सोना खामखां बहना सरकार व प्रशासन की बेरुखी का प्रमाण है, क्योंकि यदि अनाज मंडियों में शुरू से ही पानी निकासी का प्रबंध किया जाता है तो धान का एक भी दाना न तो भीगता और न ही पानी में तैरता।

उन्होंने कहा कि रही-सही कसर धान के सीजन के दौरान सरकार की बेतुकी नीतियों के चलते पूरी हो गई। उन्होंने कहा कि ऐसा पहला सीजन है कि राइस मिल मालिक धान खरीदने के मामले में सोच समझकर धान की खरीद कर रहा है। 

Isha