मनीष ग्रोवर के मुखर होने से याद आए मंगलसेन

7/23/2016 11:10:27 AM

चंडीगढ़: हरियाणा की भाजपा राजनीति में मनीष ग्रोवर दूसरे ऐसे कद्दावर नेता बने हैं, जिन्होंने हरियाणा सचिवालय में पहुंच सत्ता की सीढिय़ां चढ़ी हैं। अतीत में डॉक्टर मंगलसेन ही एक मात्र भाजपा के नेता रहे हैं, जिनका कद भाजपा के कद को उस वक्त भी बढ़ाता रहा है, जब भाजपा का कोई जनाधार नहीं था।

 

1986-87 में देवीलाल व मंगलसेन की जोड़ी ने न्याय युद्ध के माध्यम से जनाधार की जो आंधी चलाई उस इतिहास को आज तक कोई छू भी नहीं पाया। 90 विधानसभा सीटों में से 85 सीटों पर इनकी बदौलत इनकी पार्टी लोकदल व भाजपा ने जीती और कांग्रेस मात्र 5 सीटों तक सिमट गई थी। डॉक्टर मंगलसेन भाजपा हरियाणा के कर्णधारों में से एक थे, उनके कार्यकाल और वर्किंग को जानने वाले बताते हैं कि रामबिलास शर्मा भी उनके सान्निध्य में ट्रेंड हुए, मंगलसेन का वर्किंग स्टाइल अपने किस्म का था। 

 

रोहतक जैसे जाटलैंड में इन्होंने भाजपा का प्रांतीय कार्यालय खोला, आज भी भाजपा का प्रांतीय कार्यालय व्यवहारिकता में रोहतक ही है। मंंगलसेन की तर्ज पर चौ. देवीलाल द्वारा अपने संगठन का प्रांतीय कार्यालय भी रोहतक ही शुरू किया गया। मनीष ग्रोवर भी दबंग विधायकों में से एक हैं, जाट आरक्षण पार्ट 1 में ग्रोवर जिस कदर मुखर हुए और रोहतक के उजड़े व लुटे व्यापारियों के साथ खड़े नजर आए, लोगों को मंगलसेन की याद ताजा हो गई। विधानसभा में भी जिस कदर ग्रोवर ने आवाज उठाई व रोहतक के व्यापारियों की दुख भरी दास्तां बयान की, उससे भाजपा आलाकमान को भी यकीन होने लगा कि रोहतक की चौधर में सत्ता का संतुलन जरूरी है क्योंकि रोहतक की भाजपा द्वारा वर्गीकरण जरूरी है। 

 

पंजाबी समुदाय जिसका रोहतक में कभी परचम डॉक्टर मंगलसेन ने फहराया था का उत्तराधिकारी ग्रोवर को बनाना जरुरी समझ गया। रोहतक में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा द्वारा यह सत्ता के संतुलन का खेल पंजाबी कार्ड से खेल गया। भाजपा के अंदर अनुभवी रामबिलास शर्मा की गिनती भी स्वर्गीय डॉक्टर मंगलसेन के करीबी लोगों में होती है। डॉक्टर मंगलसेन की स्मृतियों को रोहतक में लोगों के मध्य जीवित रखने के लिए मनीष ग्रोवर की ताजपोशी के राजनीतिक माईने आने वाले दिनों में भाजपा को लाभ दें इसलिए यह फार्मूला ईजाद हुआ है।