80 वर्षीय विधवा गेहूं की बलिया चुगकर जला रही घर का चूल्हा, देखें तस्वीरें

5/4/2016 2:31:08 PM

कैथल (रमन गुप्ता): 80 वर्षीय बुजुर्ग को जिस समय आराम की जरूरत थी, उस वृद्धावस्था में चंद्रपति खलिहानों से गेहूं की बलिया चुगकर घर का चूल्हा जला रही है।  

 

इस बुजुर्ग कंधों पर करीब 30 वर्षीय विकलांग बेटे की जिम्मेवारी भी है। 80 वर्षीय इस महिला का जीवनसाथी भरी जवानी में ही चल बसा। खुशहाली से पहले ही इसके सिर पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा। इसी राशि से जैसे-तैसे पेट काटकर मां बेटा जिंदगी की गाड़ी खींच रहे थे, लेकिन इसके लिए 2 जून की रोटी का सहारा बनी पेंशन को भी सरकारी अधिकारियों ने छीन लिया। 

 

करीब 6 माह से इसे एक खोटा सिक्का भी पेंशन के रूप में नहीं मिला। विवशता के आलम में अब ये बुजुर्ग महिला अन्य समृद्ध घरों में साफ-सफाई का कार्य कर घर का चूल्हा जला रही है। दिहाड़ी-मजदूरी इसके बस में नहीं। साफ-सफाई के काम से जो कुछ मिलता है, उससे केवल रोटी ही नसीब होती है। स्वयं और बेटे की बीमारी का इलाज आखिरकार कहां से करवाएं। 

 

इस संकट की नाजुक स्थिति में तपती धूप में यह वृद्ध महिला खेत-खलिहानों में गेहूं की बलिया चुगकर दवा का इंतजाम कर रही है। मुफलिसी और समाज कल्याण अधिकारियों की बेरूखी की मार झेल रहे इस परिवार की दशा देखकर पत्थर भी खून के आंसू रो पड़े, लेकिन अधिकारियों का पत्थर दिल इसकी लाचारी से नहीं पिघल रहा। 

 

ई-बैंकिंग सिस्टम में बड़ा झोल: गांव रोहेड़ा में स्टेट बैंक के तत्वाधान में पेंशन योजना को बैंकिंग से जोड़ने की इकाई के प्रभारी रघुवीर सिंह ने इस मामले में चौंकाने वाले तथ्यों को उजागर किया है।

 

इसका कहना है कि पेंशनभोगी को एक विशेष नंबर जारी किया जाता है। इसके माध्यम से ही पेंशन राशि खाते में जमा होती है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि जिसको यह नंबर दिया गया हो पेंशन उसी को मिले, बल्कि तकनीकी सिस्टम में इसको अन्य खाते से भी जोड़ा जा सकता है। उसने एक नाम की 2 महिलाएं होने के कारण पेंशन जारी न होना एक कारक बताया।