महिला पार्षदों के भरोसे अब रौब नहीं झाड़ सकेंगे पति

7/17/2018 11:13:27 AM

चंडीगढ़(बंसल): महिला पार्षदों के भरोसे निकाय की बैठकों में रौब झाडऩे वाले पति या उसके परिजन अब ऐसा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि सरकार ने निकाय की बैठकों में उनके जाने पर रोक लगा दी है। सरकार के पास यह शिकायतें पहुंची थीं कि महिला पार्षदों के परिजन निकाय की बैठकों में शामिल होते हैं और कार्यों में हस्ताक्षेप करते थे, इस तरह की शिकायतों पर सरकार ने संज्ञान लिया है। 

भविष्य में पालिकाओं की होने वाली बैठकों में केवल जनप्रतिनिधि ही बैठक का हिस्सा बनेंगे और लगातार 3 बैठकों से नदारद रहने वाले पार्षदों को उनके पद से सरकार हटाने से भी पीछे नहीं हटेगी। प्रदेश सरकार अब महिला जनप्रतिनिधियों द्वारा पालिका के सदन की बैठक में बेरुखी दिखाते हुए नदारद रहने तथा उनके प्रतिनिधि के तौर पर पति अथवा अन्य किसी परिजन के शिरकत करने पर सख्त होने जा रही है। 

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव ने प्रदेश के सभी आयुक्त नगर निगम, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी, नगरपालिका के सचिव को पत्र जारी करते हुए इस सम्बंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग द्वारा जारी पत्र में प्रशासनिक अधिकारियों को हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 की धारा 25 तथा हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 52 के तहत पालिकाओं के सदन की बैठक प्रत्येक माह में एक बार करवाने को गम्भीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं। 

इसके साथ-साथ हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 की धारा 14(सी) तथा हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 34(डी) के तहत लगातार सदन की 3 बैठकों से अनुपस्थित रहने वाले पार्षदों को उनके पद से हटाने की प्रक्रिया को भी गम्भीरता से क्रियान्वित करने के निर्देष दिए हैं। 

यही नहीं हरियाणा नगरपालिका बिजनैस बाइलाज, 1981 के उप नियम 7 के तहत सदन की बैठक में जनप्रतिनिधि की बजाय उनका रिश्तेदार नहीं बैठ सकता। इस संदर्भ में निर्वाचित महिला पार्षदों की नियमित रूप से उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा उनके परिजनों द्वारा बैठक में हस्तक्षेप नहीं करने देने को लेकर भी प्रयास किया जाएगा। 

 

 
 


 

 


 


 
 

 

Rakhi Yadav