कौन हैं कैथल के ‘नीरव’ व ‘माल्या’!

7/12/2018 12:49:40 PM

कैथल(सुखविंद्र): देश छोड़कर भाग चुके विजय माल्या और नीरव मोदी ने तो बैंकों से लोन लेकर हजारों करोड़ रुपए का चूना लगाया था लेकिन कैथल जिले में कुछ ऐसे ही विजय माल्या और नीरव मोदी बैठे हैं जिन्होंने कैथल जिले सहित प्रदेश एवं आसपास के राज्यों के सैंकड़ों लोगों को रातोंरात अमीर बनाने का सपना दिखाकर करोड़ों रुपए का चूना लगा दिया है और अब वे छिपते फिर रहे हैं। लोग इनके पीछे-पीछे हैं और ये आगे-आगे हैं। जब भी इनसे आमना-सामना होता है तो ये लोगों को लॉलीपॉप दे देते हैं और लोग कुछ दिन फिर शांत बैठ जाते हैं। अब पैसे निकलवाने के लिए कोई पंचायत कर रहा है तो कोई पुलिस में शिकायत दर्ज करवा रहा है लेकिन अभी तक किसी के पैसे नहीं आए हैं। कुछ लोगों को सिर्फ जल्द पैसे दिए जाने का आश्वासन मिल रहा है तो कुछ को पैसे फंसने की बात कही जा रही है। कैथल के यह विजय माल्या एवं नीरव मोदी कौन हैं इसका जल्द ही खुलासा होगा। 
 

पैसे के दम पर करवाते हैं ट्रांसफर
कुछ माह पहले इन लोगों का किसी भी अधिकारी का ट्रांसफर करवाना बाएं हाथ का खेल था। इसका एक प्रमाण कैथल में भी देखने को मिला। जब सी.आई.ए.-2 इंचार्ज सत्यवान जांगड़ा ने एक सूचना के आधार पर टीम के साथ इन लोगों के इस ठगी के धंधे को बंद करवाने के लिए रेड की थी लेकिन रेड के दौरान कुछ आपत्तिजनक सामान नहीं मिला लेकिन उक्त अधिकारी भविष्य में खतरा न बन जाए इसलिए अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए उसका ट्रांसफर करवा दिया। वैसे बताया जा रहा है कि इस ट्रांसफर के लिए इन लोगों ने लाखों रुपए भी खर्च किए थे।

कहीं 100 करोड़ से अधिक न पहुंच जाए आंकड़ा
ठगी का आंकड़ा कितने करोड़ रुपए का है अभी इसका आंकलन नहीं किया जा सकता क्योंकि लोग खुलकर उनके खिलाफ कुछ नहीं बोल रहे हैं लेकिन जब सब रास्ते बंद हो जाएंगे तो लोग बोलेंगे और यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपए से अधिक भी पहुंच सकता है।

पुलिस, वकील भी ठगे  
आमतौर पर माना जाता है कि पुलिस, वकील एवं मीडिया के लोग रातोंरात अमीर बनने के सपने दिखाने वाली योजनाओं एवं अन्य स्कीमों में रुचि नहीं रखते लेकिन कैथल में तीनों ही वर्ग ठगी का शिकार हुए हैं।

रातोंरात कोई अमीर नहीं बनता : एस.पी.
एस.पी. आस्था मोदी ने बताया कि उक्त मामले की जांच करनाल ट्रांसफर हो चुकी है। इसमें लोगों की भी गलती है कि क्योंकि रातोंरात कोई अमीर नहीं बनता। कानून अपना काम करेगा। स्वयं आई.जी. नवदीप सिंह विर्क मामले को देख रहे हैं।

Deepak Paul