मंडी एसोसिएशन पर भाई-भतीजावाद का आरोप

5/1/2016 2:53:54 PM

गुहला-चीका : एशिया की प्रमुख अनाज मंडी में गेहूं उठान को लेकर मंडी एसोसिएशन आरोपों के घेरे में आ गई है। कच्चा आढ़तियों ने एसोसिएशन पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया है। कच्चा आढ़तियों का कहना है कि जो सदस्य एसोसिएशन के साथ जुड़े हैं उनका लगभग शत-प्रतिशत गेहूं का उठान हो चुका है लेकिन आम कच्चा आढ़ती उठान को लेकर परेशान है। 
 
कच्चा आढ़ती राम कुमार गर्ग, नारायण सिंह, राजेश गोयल, ज्ञान चंद, राजेश मित्तल, रामलाल आदि ने बताया कि एसोसिएशन ने संबंधित एजैंसी के ठेकेदार को कब्जे में किया हुआ है जिस कारण उठान में कच्चा आढ़तियों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। आरोप है कि एसोसिएशन के सदस्यों के लिए गेहूं उठान के मामले में कोई भी कानून नहीं है लेकिन जब आम कच्चा आढ़ती उठान के लिए इधर-उधर से किसी वाहन का प्रबंध करता है तो उसे गेट पास न थमाकर एसोसिएशन द्वारा तैयार किए गए कानून कायदों का फरमान सुना दिया जाता है जिस कारण ऐसा करने वाले आढ़ती को लोहड़ किया गया वाहन या तो वापस उतरवाना पड़ता है या फिर एसोसिएशन के किसी सदस्य की जी हजूर कर सिफारिश करवानी पड़ती है।
 
मालूम रहे कि अनाज मंडी में गेहूं सीजन के दौरान मंडी एसोसिएशन हरियाणा सरकार की खरीद एजैंसी खाद्य एवं आपूॢत विभाग के पक्के आढ़ती का ठेका कमीशन बेस पर लेती है जिसकी गेहूं उठान की जिम्मेदारी है और एसोसिएशन पक्का आढ़ती के नाम से जारी किए गए गेट पास कच्चा आढ़तियों को जारी करती है। आढ़तियों ने बताया कि यदि इस मामले की जांच की जाए तो सारे मामले का पर्दाफाश हो जाएगा कि एसोसिएशन ने गेहूं उठान के मामले में कच्चा आढ़तियों के साथ कितनी हेरा-फेरी की है। 
 
मजे की बात तो यह है कि पक्का आढ़ती केवल खाद्य एवं आपूॢत विभाग जिसका कमीशन बेस पर कार्य कर रही है केवल उसी का गेट पास थमा सकती है लेकिन हरियाणा सरकार की खरीद एजैंसी गेहूं खरीद के मामले में नंबर-1 मानी जाने वाली हैफेड एजैंसी भी एसोसिएशन के साथ मिलकर कच्चा आढ़तियों के साथ जहां अन्याय कर रही है, वहीं सरकारी नियमों को भी ताक पर रखकर खरीदी गई गेहूं के गेट पास की कापी एसोसिएशन के मुंशी को थमा दी गई है जोकि गैर-कानूनी है जबकि हैफेड एजैंसी के पास गेट पास काटने के लिए कई कर्मचारी हैं। ऐसे में इसमें बड़ी हेरा-फेरी हो सकती है। 
 
आढ़तियों ने यह भी बताया कि गेहंू का उठान न होने से जहां उन्हें भारी घटौती का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कच्चा आढ़तियों का लाखों रुपयों का भुगतान भी हैफेड एजैंसी ने गेहूं उठान न होने की एवज में रोका हुआ है। इसका सीधा असर धरती पुत्रों पर भी पड़ रहा है, क्योंकि जब हैफेड एजैंसी से गेहूं का भुगतान शत-प्रतिशत नहीं हुआ तो आढ़तियों द्वारा भी किसानों को भुगतान की अदायगी करने में देरी की जा रही है।