अस्पताल में एम्बुलैंस नहीं ,स्टाफ लापरवाह, प्राइवेट गाड़ी में हुई डिलीवरी

11/29/2017 2:20:30 PM

कैथल(सुखविंद्र):स्टाफ की घोर लापरवाही व समय पर एंबुलैंस न मिलने के कारण गतदिवस को एक महिला की वैन में ही डिलीवरी हो गई। डिलीवरी होने के बावजूद जच्चा-बच्चा को संभालने के लिए स्टाफ मौके पर नहीं पहुंचा, परिजन ही उसे स्ट्रेचर पर लेकर अस्पताल पहुंचे। बच्ची की हालत बिगडऩे पर उसे शिशु केंद्र में रखा गया। वहीं महिला के परिजनों का आरोप है कि राजौंद सी.एच.सी. व सिविल अस्पताल के स्टाफ ने इस मामले में गंभीर लापरवाही बरती है। इस बारे में वह विभाग के उच्चाधिकारियों व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से शिकायत करेंगे। राजौंद निवासी प्रिंस ने कहा कि सोमवार रात को उसकी भाभी मीनू को प्रसव पीड़ा होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। 

यहां कार्यरत स्टाफ ने देखने के बाद सुबह आने को कहा। सुबह से लेकर दोपहर तक 4 बार चक्कर काटने में लगे रहे लेकिन स्टाफ सदस्यों ने कोई सुनवाई नहीं की। जब हालत बिगडऩे लगी तो हाथ खड़े करते हुए सिविल अस्पताल कैथल ले जाने को कह दिया। जब उन्होंने एंबुलैंस की मांग की तो कोई एंबुलैंस ही नहीं मिली। इसके बाद कैथल सिविल अस्पताल में भी फोन किया, वहां भी एंबुलैंस नहीं मिली तो 500 रुपए किराए पर गाड़ी करने के बाद महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे। समय पर न पहुंचने के कारण महिला की रास्ते में ही ज्यादा तबीयत बिगडऩे लगी तो उसने अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही बच्ची को जन्म दे दिया। इसके बाद जब अंदर स्टाफ को जच्चा-बच्चा को ले जाने के लिए बुलाया गया तो स्टाफ ने उनकी बात को अनसुना करते हुए स्वयं ही अंदर लाने की बात कही। 

पहले भी हो चुकी है शौचालय में 3 डिलीवरी
सिविल अस्पताल में महिलाओं की डिलीवरी को लेकर बरती जा रही लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पूर्व भी 3 महिलाओं की अस्पताल के शौचालय में डिलीवरी हो चुकी है। महिलाओं की डिलीवरी को लेकर बार-बार सामने आ रहे ऐसे मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है। 

क्या कहते हैं सिविल सर्जन 
डॉ. अशोक चौधरी, सिविल सर्जन, कैथल ने कहा कि वैन के अंदर अस्पताल के गेट पर महिला की डिलीवरी होने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा कोई मामला है तो इसकी जांच करवाई जाएगी। इसमें स्टाफ की लापरवाही मिली तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।