तिरंगे का अपमान करना संघ और भाजपा का इतिहास : सुरजेवाला

4/4/2016 11:33:22 AM

कैथल: कांग्रेस ने भाजपा तथा आरएसएस पर पिछले दो साल से राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यह कार्य विभाजनकारी एजेंडे के तहत एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बयान में कहा कि सह सरसंघ चालक भैया जी जोशी ने तिरंगे की सार्वजनिक तौर पर अवमानना की है और इससे स्पष्ट है कि संघ आज भी आजादी के स्वर्णिम इतिहास को नकारने में लगा है।

उन्होंने कहा कि जोशी ने इसी तरह से राष्ट्रगान जन गण मन एवं राष्ट्रगीत वंदे मातरम को लेकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि जोशी कहते हैं कि राष्ट्रगान में देशभक्ति की वो भावना उत्पन्न नहीं होती, जो राष्ट्रगीत में होती है। यह आजादी के इतिहास को तोडऩे मरोडऩे का एक और षड्यंत्र है। सिंह ने आरोप लगाया कि संघ ने आजादी से पहले और आजादी के बाद भी तिरंगे का अपमान किया है।

संघ के संस्थापक ने अपनी शाखाओं में भगवा झंडा फहराया और आजादी के बाद भी इसी झंडे को अपना गुरु माना। उन्होंने कहा कि 1929 में जब सभी देशवासियों का आह्वान किया गया था कि 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस मनाएं और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराएं लेकिन उसी दिन संघ के संस्थापक ने संघ की शाखाओं में भगवे ध्वज की वंदना की। इसी तरह से संघ के दूसरे सरसंघचालक गोलवलकर भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के प्रति दुर्भावना रखते थे और यह उनके कई वक्तव्यों से साफ हुआ है। उन्होंने कहा कि जोशी के बयान से साफ हो गया है कि संघ अब भी तिरंगे को नहीं मानता है।