मजदूरों की संदिग्ध मौत के बाद जागा प्रशासन

punjabkesari.in Saturday, Sep 21, 2019 - 02:09 PM (IST)

कैथल (सुखविंद्र): कैथल-पिहोवा के बीच गुमथला नहर पर काम करते हुए बीमार हुए 4 मनरेगा मजदूरों की अज्ञात कारणों से हुई मौत के मामले में आज स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्योड़क व दयौरा में घर-घर जाकर बीमार एवं उनके आसपास रहने वाले लोगों के खून के सैम्पल लिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम डी.एम.ओ. (डेंगू-मलेरिया ऑफिसर) डा. नरेश मंगला व हैल्थ इंस्पैक्टर शमशेर सिंह के साथ शुक्रवार सुबह गांव में पहुंची थी। मृतकों में माया देवी पत्नी बीरा राम, संतोष देवी पत्नी अजमेर निवासी क्योड़क, बोहती देवी व शकुंतला निवासी दयौरा हैं।

30 से अधिक मजदूर बीमार हैं जिनका निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बता दें कि क्योड़क मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा गोद लिया हुआ है लेकिन विडम्बना देखिए कि 4 मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी या कर्मचारी बीमार लोगों के पास पहुंचे और उनके खून के सैम्पल लेने शुरू किए। अब तक बीमार मजदूर स्वयं के खर्च पर इलाज करवा रहे हैं। अच्छा इलाज न होने के अभाव में 4 मनरेगा मजदूरों की मौत हो चुकी है। 

बीमार दम्पति मजदूर हरिपाल व संतोष हिसार के निजी अस्पताल में, मूर्ति देवी कैथल के निजी अस्पताल, कलावती, अंगूरी देवी कुरुक्षेत्र के निजी अस्पताल में दाखिल हैं। कुछ मजदूर दवाई लेकर घर पर ही आराम कर रहे हैं। बीमार मजदूरों ने बताया कि उन्होंने गत 21 अगस्त से 5 सितम्बर तक गुमथला नहर पर मनरेगा के तहत काम किया था। एक दिन काम करते हुए सभी मजदूरों को उल्टी-दस्त लग गए।

मजदूर झोलाछाप डाक्टरों से दवाई लेकर घर पर ही आराम करते रहे लेकिन उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो परिजन शहर के निजी अस्पताल में ले गए। यहां से भी चिकित्सकों ने जवाब दे दिया तो परिजन उन्हें पी.जी.आई. चंडीगढ़ ले गए जहां उनकी 4 दिन पहले मौत हो गई। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से मना कर रहे हैं। क्योड़क पी.एच.सी. के हैल्थ इंस्पैक्टर राम सिंह ने बताया कि हमारी टीम दयौरा व क्योड़क का सुबह से दौरा कर रही है। टीम ने बीमार लोगों के खून के सैम्पल लिए हैं। जो लोग बीमार हैं, उनको दवाई उपलब्ध करवाई जा रही है।


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Isha

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