इलाज के अभाव में जिंदगी-मौत के बीच जूझ रही युवती, मजदूर पति हुआ बेबस

7/31/2015 12:22:24 PM

नीलोखेड़ी (सौरांश): गांव रायपुर रोडान के 35 वर्षीय सतीश ने कर्ज लेकर अपनी पत्नी के कैंसर का इलाज तो जैसे-तैसे करवा लिया लेकिन आगे के इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। सतीश की पत्नी सुमन इलाज के अभाव में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। सतीश ने बताया कि पिछले साल उसकी पत्नी को खना खाने में परेशानी हो रही थी। टैस्ट में कैंसर की बीमारी निकली। सतीश अपनी पत्नी को पी.जी.आई. ले गया।

4 मार्च 2014 को सुमन का पी.जी.आई. में आप्रेशन के बाद 13 मार्च को सुमन को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। सतीश ने कर्ज लेकर पत्नी का आपरेशन करवा लिया लेकिन आगे के इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। डाक्टरों ने उसे 21 दिन के बाद पत्नी की कीमो थैरेपी करवाने के लिए कहा था। किसी तरह उसने पत्नी की 3 कीमो थैरेपी तो करवा ली है लेकिन बाकी की 3 कीमो थैरेपी के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं।

एक कीमो थैरेपी पर किराए भाड़े सहित 9000 रुपए का खर्च बैठता है। सतीश ने बताया कि वह मेहनत-मजदूरी करके किसी तरह घर का गुजारा चला रहा है, पत्नी की बीमारी पर सब कुछ खर्च हो गया। वहीं सतीश राह जोट रहा है कि कोई हाथ उसकी मदद के लिए उठे ताकि वह अपनी पत्नी को बचा सके।