कौटिल्य को टक्कर देती गूगल गर्ल ईशु, सैकेंड में करती हर सवाल को हल

8/3/2015 1:41:35 PM

घरौंड (दिलबाग): कुछ बच्चे बचपन से ही अपनी अद्भुत प्रतिभा के चलते लोगों का स्नेह पा लेते हैं उनमें से एक है गांव गुढ़ा में रहने वाली ईशु दहिया। ईशु दहिया वैसे तो छठीं कक्षा की छात्रा है लेकिन उसका ज्ञान ग्रैजुएट से भी ज्यादा है। जिस तरह से कम्प्यूटर पर क्लिक करते ही गूगूल बड़े से बड़े प्रश्न का उत्तर सामने ला देता है उसी तरह से ईशु दहिया मात्र पूछते ही प्रश्न का उत्तर सामने प्रस्तुत कर देती है। इसलिए इस छात्रा को उसके अध्यापक व ग्रामीण गूगल गर्ल का नाम दे चुके हैं।

ईशु दहिया को 22 भाषाओं का ज्ञान है। इन 22 भाषाओं को यह छात्रा अच्छी तरह से बोल, पढ़ और लिख लेती है। इसके अलावा देश के 500 वीर शहीदों के नाम व उनके जीवन का ज्ञान रखती है। हमारे देश के हर राज्य के हर जिले का नाम जानती है। इसके अलावा ताईक्वांडो के खेल में अपने भार वर्ग प्रतियोगिता में यह छात्रा राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मैडल जीतकर खेलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है।

छात्रा कम्प्यूटर की तर्ज पर गूगल गर्ल बनकर हर प्रश्न को सैकेंडों में हल करने का काम करती है। इस छात्रा को हर दिन कुछ न कुछ सीखने को बेकरारी रहती है जिसके लिए अलग-अलग किताबों से ज्ञान प्राप्त करना। अपने पिता बाबू राम व अपने बड़े भाई नीरज दहिया से पुस्तकों के ज्ञान की बातचीत, विश्व और देश की जानकारी पर बातचीत करती रहती है जिसके लिए छात्रा के पिता बाबू राम व भाई नीरज दहिया भरपूर मदद करते हैं।

एक बार इस छात्रा को जिस प्रश्न का उत्तर मिल जाता है तो उसे यह अपने दिमाग की मैमोरी में इस तरह से डाल लेती है कि अगली बार सैकेंडों में उसका उत्तर दे डालती है। ईशु में उसके परिवार के बुजुर्गों जिनमें दादा, ताऊ, पिता व माता द्वारा दिए गए संस्कार सिर चढ़कर बोलते हैं। ईशु इस समय अपनी प्रतिभा को आगे अन्य बच्चों तक पहुंचाने के लिए अपने घर पर ही गांव के अन्य बच्चों को पढ़ाने का काम भी कर रही है।

ईशु का कहना है कि जो ज्ञान उसने ग्रहण किया है यह आगे फैले तभी उसके ग्रहण करने का लाभ होगा। छात्रा बसताड़ा हाईवे स्थित वार हीरोज मैमोरियल स्कूल में अपनी कक्षा में भी अव्वल स्थान पर रहते हुए अद्भुत प्रतिभा की धनी है। भविष्य में ईशु दहिया व उसका भाई नीरज दोनों यू.पी.एस.ई. की परीक्षा पास कर आई.ए.एस. बनना चाहते हैं जिसके लिए अभी से वे अपना समय किताबों में व्यतीत कर रहे हैं। छात्रा के माता-पिता व ग्रामीणों को अपनी पुत्री पर छोटी सी आयु में अद्भुत प्रतिभा पर गर्व है।