सी.सी.टी.वी. कैमरे लगने के बाद स्नेचिंग के मामलों में आई 50 फीसदी गिरावट

2/19/2019 1:21:30 PM

करनाल(काम्बोज): सी.एम. सिटी में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगने के बाद स्नैङ्क्षचग जैसी बड़ी घटनाओं में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है। यह गिरावट आने वाले दिनों में और ज्यादा होने की संभावना है। वर्ष 2018 में स्नैङ्क्षचग के 136 मामले दर्ज हुए, जबकि 2019 में 17 फरवरी तक मात्र 8 मामले सामने आए हैं। जो बड़ी गिरावट है। सी.सी.टी.वी. कैमरों की मदद से पुलिस को स्नैङ्क्षचग करने वाले आरोपियों की पहचान करने और उन तक पहुंचने में काफी मदद मिल रही है। जिससे आरोपियों में दहशत बनी हुई है। स्नैङ्क्षचग करने वाले आरोपियों में पुलिस की दहशत इसलिए बनी हुई है, क्योंकि वह जानते हैं यदि स्नैङ्क्षचग की घटना को अंजाम देकर फरार हुए, तो पुलिस सी.सी.टी.वी. कैमरों की मदद से उनकी पहचान कर उन तक जल्द पहुंच जाएगी, वहीं स्नैङ्क्षचग के मामलों में गिरावट के बाद पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है। क्योंकि सी.सी.टी.वी. कैमरे लगने से पहले हर तीसरे दिन स्नैङ्क्षचग जैसी घटनाएं सामने आ रही थीं, जो पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई थी। 

129 कैमरे की निगरानी में सी.एम. सिटी
सी.एम. सिटी में 34 चौकों पर 129 कैमरे लगे हुए हैं, जो हर समय तीसरी आंख की भांति हर गतिविधि पर नजर रखते हैं। 129 कैमरे न केवल आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों तक पहुंचने में मदद करते हैं, बल्कि ट्राफिक नियमों की पालना न करने वाले वाहन चालकों के चालान करने में भी मदद करते है। सी.सी.टी.वी. कैमरों की मदद से अब तक हजारों वाहन चालकों के चालान काटकर घर भेजे जा चुके हैं। सी.एम. सिटी में लगे 129 कैमरे न केवल शहर को स्मार्ट बना रहे है, बल्कि आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाने में भी पुलिस के लिए काफी कारगार साबित हो रहे हैं। 

इतने मामले हुए टे्रस
एस.पी. आफिस से मिले आंकड़ों वर्ष 2018 में स्नैङ्क्षचग के कुल 136 मामले दर्ज हुए, जिनमें से पुलिस ने 72 मामले ट्रेस किया है, वहीं वर्ष 2019 में अब तक स्नैङ्क्षचग के कुल 8 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से पुलिस ने 2 मामले ट्रेस कर दिए हैं, वहीं पुलिस का दावा है कि जो मामले ट्रेस नहीं हुए हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द ट्रेस कर लिया जाएगा।  

हर समय सतर्क रहें : डी.एस.पी. 

इस बारे डी.एस.पी. करनाल राजीव कुमार ने बताया कि सी.सी.टी.वी. कैमरों की मदद से आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों की पहचान कर उनके गैंग तक पहुंचने में आसानी होती है तथा अपराधियों को भय रहता है कि उन पर तीसरी आंख की नजर है। उन्होंने जनता को हर समय सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि क्राइम कभी भी कहीं पर भी हो सकता है। इसलिए हमें हर समय सतर्क रहना चाहिए। 

Deepak Paul