सी.एम. से मिलकर लगाई न्याय की गुहार

5/4/2019 10:23:43 AM

करनाल(काम्बोज): सदर बाजार निवासी पूसिंद्र सिंह की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद मामला गर्मा गया है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि झगड़े के दौरान पूसिंद्र सिंह पर 7 आरोपियों ने गंडासियों से हमला कर घायल कर दिया था जिसके बाद वह अस्पताल में भर्ती था। जहां 30 अप्रैल को उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है और हमला करने वाले आरोपियों पर 307 धारा लगाने की बजाय 323, 324 व 506 लगाई।

उन्होंने आरोप लगाया कि हमले में पूसिंद्र सिंह के सिर से लेकर पूरे शरीर पर बुरी तरह से वार कर घायल किया था। उस हमले के कारण उसकी मौत हो गई, मगर पुलिस मौत के बाद भी आरोपियों पर धारा 302 हत्या का केस दर्ज नहीं कर रही है।
 
मोटरसाइकिल बेचने को लेकर हुआ था विवाद
मृतक के भाई मनजिंद्र सिंह ने बताया कि यह विवाद मोटरसाइकिल बेचने के बाद हुआ था। उसके भाई ने आरोपियों को मोटरसाइकिल बेची थी। मगर खरीद के 20 दिन बाद आरोपियों ने मोटरसाइकिल वापस लौटाने की बात कही जिसके बाद पूसिंद्र सिंह ने एक हजार रुपए कटौती के तौर पर काटने की बात कही जिसके बाद विवाद हुआ और आरोपियों ने महिलाओं के साथ मिलकर हमला कर दिया।
 
3 महीने बाद पूसिंद्र पर ही किया केस दर्ज 
मृतक के भाई मनजिंद्र सिंह ने बताया कि हमले में घायल होने के बाद जब कुछ दिन के लिए उसका भाई घर लौटा तो पुलिस द्वारा उसके ऊपर समझौता करने का दबाव बनाया जाने लगा, मगर जब उसने समझौता करने से मना कर दिया तो पुलिस ने आरोपी महिलाओं की शिकायत पर छेड़छाड़ का झूठा केस दर्ज कर उसे जेल भिजवा दिया था।
 
पड़ोसियों को दी जा रही धमकियां
पड़ोसियों ने बताया कि आरोपियों ने धमकी दी है कि यदि किसी ने भी उनके खिलाफ गवाही दी तो वह उसके साथ भी ऐसा ही होगा। मगर शुक्रवार को कई महिलाएं सामने आई और आरोपियों के खिलाफ जमकर बयान दिए।
 
न्याय दिलवाने का आश्वासन दिया
मीरा घाटी पर एक कार्यक्रम में पहुंचे सी.एम. से मृतक के परिजन न्याय की गुहार लगाने के लिए पहुंच गए। जहां उन्होंने सी.एम. मनोहर लाल खट्टर को सारी बात बताई जिसके बाद सी.एम. ने उन्हें न्याय दिलवाने का आश्वासन दिया।
  
क्या कहते हैं थाना प्रभारी

सिटी थाना प्रभारी हरजिंद्र सिंह का कहना है कि इस मामले में पहले से केस दर्ज है। वहीं यह मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पाएगा कि इसे हत्या से जोड़ा जाएगा या नहीं।  

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