जिले को मलेरिया मुक्त करने की दिशा में बढ़ रहा स्वास्थ्य विभाग

1/23/2020 1:49:18 PM

करनाल (काम्बोज): करनाल जिला मलेरिया मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ता दिखाई दे रही है। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य 2022 तक जिले को मलेरिया मुक्त करना है।  विभाग की तरफ से 8 टीमें गठित हैं जो गांवों व शहर में जाकर लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक कर रही हैं। यदि कोई मलेरिया का मरीज सामने आता है तो उसको दवाइयां व अन्य उपचार भी दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति से समय-समय पर फोन के माध्यम से जानकारी ली जाती है।

मरीज से पूछा जाता है कि उसके आस-पास या परिवार में तो कोई मलेरिया ग्रस्त व्यक्ति तो नहीं है। यदि है तो विभाग की टीमें वहां जांच करती हैं। मरीज का सैंपल लेकर लैब में भिजवाया जाता है। स्वास्थ्य विभाग मलेरिया को खत्म करने के लिए समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रहा है।  वर्ष 2018 में मलेरिया के कुल 17 केस सामने आए थे, जो वर्ष 2019 में घट कर मात्र एक रह गया है। आंकड़ों में आए इतने बड़े बदलाव से साफ है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया से निपटने के लिए धरातल पर कार्य किए जा रहा है।  

फरवरी तक सभी तैयारियां पूरी
स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मलेरिया से निपटने के लिए जनवरी माह से तैयारियां शुरू कर दी जाती हंै जो फरवरी तक पूरी कर ली जाती हैं। इन तैयारियों के दौरान फॉङ्क्षगग मशीनें चैक करना यदि खराब हैं तो उन्हें ठीक करवाना। टीम सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपना और अभियान के दौरान लोगों से किस तरह बातचीत करना ताकि उन्हें मलेरिया के बारे में अच्छी प्रकार से समझाया जा सके। 

180 ग्राम पंचायतों के पास हैं फॉङ्क्षगग मशीनें
सिविल सर्जन अश्विनी ने बताया कि जिलेभर में लगभग 180 ग्राम पंचायतों के पास फॉङ्क्षगग मशीनें उपलब्ध हैं जिनको समय-समय पर फॉगिंग के बारे में बताया जाता है। समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की टीमों द्वारा मिलकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में फॉङ्क्षगग करवाई जाती है। जिन ग्राम पंचायतों के पास फॉङ्क्षगग मशीनें नहीं हंै उन्हें नगर निगम या अन्य विभागों से फॉङ्क्षगग मशीनें उपलब्ध करवाई जाती हंै। जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। जिले को मलेरिया मुक्त करने में स्वास्थ्य विभाग जरूर सफल होगा।

Isha