जिले में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प, 2 सी.एच.सी. में डाक्टर नहीं

2/17/2019 11:36:31 AM

करनाल(सरोए): इन दिनों जिले में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प होती जा रही हैं, डाक्टरों की कमी व बढ़ते काम के दबाव में डाक्टर दूसरे जिलों में ट्रांसफर करवाकर जा रहे हैं, जबकि कई जाने का प्रयास कर रहे हैं। डाक्टरों की कमी नहीं भारी कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सी.एच.सी. घरौंडा व सी.एच.सी. तरावड़ी बिल्कुल खाली हो चुकी है। बल्ला- निसिंग अस्पताल में भी स्थिति ठीक नहीं। इधर-उधर की पी.एच.सी. से डाक्टरों को बुलवाकर मरीजों को कुछ राहत देने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन अस्थायी व्यवस्था से भी मरीजों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है।

अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बरकरार रखने के लिए कार्यवाहक सिविल सर्जन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है, कई डाक्टर तो कभी यहां तो कभी वहां जाने से परेशान हो चुके हैं। डाक्टर इधर-उधर आने-जाने से इंकार भी करने लगे हैं। एक डाक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अस्पतालों में डाक्टरों की भारी कमी है, कई अस्पताल तो डाक्टर विहीन हो गए हैं। उन लोगों की ड्यूटी लगाई जा रही है, कभी इस अस्पताल तो कभी उस अस्पताल। करीब 15 से अधिक डाक्टर को पिछले कई महीनों में डैपुटेशन व ट्रांसफर करवाकर चले गए हैं। डाक्टरों की कमी व काम का बढ़ता दवाब भी है, इसके अलावा अन्य सिफारिशें भी शामिल हैं। 

मरीजों को दिक्कत
हालांकि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी मरीजों को राहत देने के प्रयास कर रहे हैं लेकिन जिन मरीजों को एक डाक्टर देखता है और मरीज जब अगली बार अस्पताल में डाक्टर से चैकअप कराने आता लेकिन पहले वाला डाक्टर बदला जाता और दूसरा डाक्टर आ जाता है। जिसे मरीज की केस हिस्ट्री के बारे में कोई जानकारी नहीं होती और नया डाक्टर अपने अनुसार दवाई शुरू करता है। 

यह है स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
जिले में एक सिविल सर्जन, 5 एस.एम.ओ., एक डिप्टी सिविल सर्जन व 41 मैडीकल अधिकारियों के पद खाली हैं। स्वास्थ्य विभाग में 140 पोस्ट पर केवल 88 पोस्टों पर ही डाक्टर मौजूद हैं। जो चरमराती जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की गाथा का पता चलता है।  

Deepak Paul