संरक्षित स्मारक पर लगेगा इतिहास बोर्ड

7/16/2018 3:05:08 PM

करनाल(शैली): पुरानी कचहरी की कुछ दूरी पर संरक्षित स्मारक बना हुआ है, जिसे छावनी चर्च टावर के सन्निकट छावनी का उत्तरी कब्रिस्तान करनाल के नाम से जाना जाता है। जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ऐतिहासिक स्थल घोषित किया हुआ है लेकिन संरक्षित स्मारक का इतिहास बताने के लिए यहां पर कुछ नहीं है, जिससे यहां पर स्मारक को देखने आने वाले देसी-विदेशी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनकी परेशानियों को समझते हुए भारती पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहां पर बड़ा बोर्ड लगाया जाएगा। जिस पर स्मारक का पूरा इतिहास लिखा हुआ होगा। जिससे पता चल सकेगा कि यह स्मारक  कितने साल पुराना है और इसकी ऐतिहासिकता क्या है। 

यहीं नहीं, विभाग इस ऐतिहासिक जगह पर नए काम भी करवाएगा। जैसे शौचालय का निर्माण करवाना, पानी की सुविधा, बिजली की व्यवस्था, बैठने का स्थान आदि शामिल है। क्योंकि यहां पर जितने भी सैनानी आते हैं, सभी की रजिस्टर में बाकायदा रजिस्टर में एंट्री होती है। जो यहां पर आकर अपने विचार लिखते हैं। समस्या लिखकर जाते हैं। उन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा नए कामों की लिस्ट बनाई है, अब जल्द ही प्रपोजल बनाए जाने की संभावना है। काबिलेगौर है कि संरक्षित स्मारक में पुराना कब्रिस्तान भी है। जिसमें ब्रिटिश सेना के कई जनरलों की क्रबे हैं। जो करीब 1837 से 1840 के आसपास की है। अब मृतक जनरलों-सैनिकों के परिवारों के सदस्य इंगलैंड आदि से यहां पर आते रहते हैं।

हुआ करती थी छावनी
पहले यहां पर छावनी हुआ करती थी। ब्रिटिश सेना छावनी में रहती थी लेकिन एरिया में हैजा फैलने से काफी सैनिकों की मौत हो गई थी। इसी डर से ब्रिटिश छावनी को यहां से अम्बाला ले जाया था। इस जगह पर पानी की अधिकता ज्यादा थी हैजा लगातार फैलता रहता था। बड़े पैमाने पर ब्रिटिश जनरलों व सैनिकों की मौत होने से ब्रिटिश कम्पनी में बेचैनी फैल गई थी।
 

Rakhi Yadav