अवैध नशा मुक्ति केंद्र सील, केंद्र संचालक गिरफ्तार

12/13/2019 6:31:40 PM

करनाल (मनोज): विकास कालोनी में अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्र को प्रशासन ने सील कर दिया। पुलिस ने केंद्र संचालक तरसेम के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। यहां इलाज के लिए आए युवकों को जिला नागरिक अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में भेज दिया है। जिला स्तरीय नशा मुक्ति केंद्र निगरानी कमेटी ने वीरवार को विकास कालोनी के गुरु ड्रग काऊंसिङ्क्षलग एवं नशा मुक्ति केंद्र में 11 बजे रेड की। शाम को 5.20 बजे तक रिकार्ड खंगाला। करीब सवा 6 घंटे की जांच में कई खामियां सामने आईं। शुरूआती पड़ताल में पता चल गया कि केंद्र के पास लाइसैंस नहीं है। 

जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान डिलोढ़ ने बताया कि जिला प्रशासन को अवैध रूप से चल रहे इस नशा मुक्ति केंद्र के बारे में सूचना मिली थी जिसके बाद टीम ने रेड की। निगरानी टीम में डिप्टी सिविल सर्जन डा. सिम्मी कपूर, जिला समाज कल्याण अधिकारी पंचकूला विशाल सैनी, मनोचिकित्सक डा. आशीष अग्रवाल, समाजसेवी एवं निफा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नू, निरीक्षक सुरेंद्र राणा, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी व पुलिस स्टाफ शामिल रहा। सैक्टर 32-33 थाने ने मामला दर्ज कर आरोपी संचालक को हिरासत में लिया।  

गेट पर लगा था ताला 
जिला स्तरीय नशा मुक्ति केंद्र निगरानी कमेटी को केंद्र के गेट पर ताला मिला। नशा मुक्ति केंद्र के बाहर साइन बोर्ड तक नहीं था। इससे टीम का शक और गहरा गया। टीम ने फौरन केंद्र में दस्तक दी। यह देखकर केंद्र संचालक व स्टाफ सदस्यों में हड़कम्प मच गया। नशा मुक्ति केंद्र दो हाल की एक बिल्डिंग में चलाया जा रहा था। टीम सदस्यों के अनुसार इसमें न तो मैडीकल ऑफिसर था और न ही कोई सोशल वर्कर मिला। जबकि इनका होना जरूरी है। 


अगस्त में शुरू हुआ था केंद्र 
जिला स्तरीय नशा मुक्ति केंद्र निगरानी कमेटी की शुरूआती जांच में सामने आया कि यह केंद्र अगस्त में शुरू किया गया था। टीम को मौके पर यहां 13 युवक मिले। इनमें 11 पंजाब से थे। यानी केवल 4 महीने में जिले के अलावा बाहर से भी यहां नशे के आदी इलाज के लिए आने लगे थे। युवकों से बातचीत में पता चला कि इनसे 10 हजार रुपए प्रति महीना तक वसूले जा रहे थे। जो नशे के ज्यादा आदी थे उनके इलाज में 5 से 6 महीने का समय लग जाता है। बाकी को 2 से अढ़ाई महीने में छुट्टी मिल जाती है।  

Isha