कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज में लगातार बढ़ रहे मरीज

7/14/2019 2:27:13 PM

करनाल: कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज में मरीजों का बोझ लगातार बढ़ जा रहा है, उधर, फैकल्टी डाक्टरों जिनमें स्पैशलिस्ट के अलावा सुपर स्पैशलिस्ट डाक्टरों का अभाव बना हुआ है जिसके चलते न तो अस्पताल पूरी क्षमता से आगे नहीं बढ़ पा रहा ओर न ही मरीजों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं नसीब हो पा रही। जो सुविधाएं मिल रही है, उसके लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। सीनियर रैजिडैंट के 56 पद रिक्त पड़े हैं।

इसके अलावा फैकल्टी के भी 90 पद रिक्त पड़े हैं, इनमें स्पैशलिस्ट व सुपर स्पैशलिस्ट डाक्टर भी शामिल हैं। अस्पताल में इन डाक्टरों की कमी होने के चलते एम.बी.बी.एस. कर रहे भावी विद्याॢथयों को स्वास्थ्य क्षेत्र की आधुनिक तकनीकी की जानकारी पूरी तरह से नहीं मिल पा रही। वहीं एमरजैंसी में आने वाले ज्यादातर मरीजों को रैफर किया जा रहा है। इन डाक्टरों की कमी का दूर करने के लिए सरकार से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की परमिशन मांगी गई है लेकिन अभी तक परमिशन नहीं मिली जिसके चलते परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही है। मैडीकल कालेज के एक प्रोफैसर ने बताया कि अगर फैकल्टी के डाक्टरों की भर्ती होती है तो ये मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा, मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज मिलना संभव होगा, जिसकी अभी दरकार है।

सीनियर रैजिडैंट व डिमोस्टेटर के लिए मांगे आवेदन
मिली जानकारी के अनुसार मैडीकल कॉलेज में जूनियर रैजिडैंट डाक्टरों की संख्या तो ठीक हो गई है अर्थात सीट के मुकाबले जूनियर रैजिडैंट ने ज्वाइन कर लिया है। इसके अलावा सीनियर रैजिडैंट जहां 80 के मुकाबले 24 डाक्टर काम कर रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए आवेदन मांगे गए है, उम्मीद जताई जा रही है कि इन पदों पर नए डॉक्टर ज्वाइन कर लेंगे जिससे मरीजों को इलाज में काफी राहत मिलेंगी। 

ये होगा फायदा
फैकल्टी डॉक्टरों की संख्या पूरी न होने के चलते करीब 90 प्रतिशत मरीजों को हायर सैंटर में रैफर करना पड़ता है, जो मरीजों के साथ परिजनों पर किसी वज्रपात से कम नहीं होता। इनमें ज्यादातर मरीज न्यूरो के अर्थात सिर से सम्बंधित, काडिर्यक अर्थात हार्ट पेशैंट, गैस्ट्रोलॉजिस्ट पेट से सम्बंधित व नैफ्रोलॉजिस्ट किडनी आदि से सुपर स्पैशलिस्ट डॉक्टर से सम्बधित होते हैं। अगर यह डाक्टर आ जाते हैं तो मैडीकल कालेज का कायाकल्प हो जाएगा। मरीजों को चंडीगढ़-रोहतक पी.जी.आई. व दिल्ली जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 

Isha