अब बच्चें की निमोनिया से नहीं होगी मौत, सरकार लगाएगी टीका

8/22/2018 11:53:07 AM

करनाल (सरोए): अब प्रदेश में निमोनिया से किसी बच्चे की जान नहीं जाएगी, चूंकि प्रदेश सरकार बच्चों को न्यूमोकोकल कोंजूमेट वैक्सीन (पी.सी.वी.) का टीका लगवाएगी। संभावना है कि 15 सितम्बर से टीकाकरण शुरू हो जाए। टीकाकरण होते ही हरियाणा देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां पर निमोनिया मुक्ति के लिए न्यूमोकोकल कोंजूमेट वैक्सीन (पी.सी.वी.) के टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों को ट्रेङ्क्षनग दी जा चुकी है। जिसे आगे ए.एन.एम., आशा वर्कर व स्टाफ नर्स को ट्रेङ्क्षनग दी जाएगी। हालांकि यह टीका सभी बच्चों को नहीं लगाया जाएगा बल्कि 15 सितम्बर या उसके बाद पैदा होने वाले बच्चों को लगाया जाएगा अर्थात पैदा होने वाले बच्चों को डेढ़ माह तक, उसके बाद उन्हीं बच्चों को 14 हफ्ते बाद, उसके बाद 9 महीने में अर्थात 3 खुराक दी जाएगी। जिनके लगने के बाद बच्चों में निमोनिया जीवन भर नहीं होगा। 

निमोनिया की भयानकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अकेले भारत में 5 साल तक के करीब 9.20 लाख से अधिक बच्चों की मौत निमोनिया से होती है, अर्थात एक दिन में तकरीबन 2500 बच्चे यानी प्रतिघंटे 100 बच्चों की जान निमोनिया ले रहा है। निमोनिया की भयानकता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की मदद के बिना ऐतिहासिक कदम उठाया है जिसके लिए प्रदेश सरकार एक बच्चे को निमोनिया की 3 खुराक देने पर करीब साढ़े 10 हजार रुपए खर्च करेगी। जो बताने के लिए काफी है कि वैक्सीन कितनी महंगी है जिसे सरकार द्वारा नि:शुल्क लगाया जाएगा। 

पूरी दुनिया में निमोनिया का कहर
पूरी दुनिया में निमोनिया का कहर बना रहता है जो बच्चों के लिए एक अभिशाप बना हुआ है। दुनिया में होने वाली मौतों में हर 5वें बच्चे की मौत निमोनिया से हो रही है जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2008 को आंकड़े प्रस्तुत किए थे कि दुनिया में 88 लाख से अधिक बच्चों की मौत निमोनिया से हुई थी।  
सरकार ने खरीदी वैक्सीन

सरकार निमोनिया मुक्त प्रदेश बनाने के लिए गंभीरता से काम कर रही है, जिसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार ने निमोनिया मुक्ति के लिए दवाइयां खरीद ली है ताकि किसी भी सैंटर पर दवाई की कमी न रहे। टीकाकरण हर सरकारी अस्पताल, सी.एच.सी., पी.एच.सी., सब-सैंटरों पर लगाया जाएगा।  

प्रदेश में निमोनिया से हजारों बच्चे होते थे पीड़ित
काबिलेगौर है कि प्रदेश में 5 साल की आयु तक के बच्चे निमोनिया से पीड़ित रहते हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती तक करवाना पड़ता है लेकिन अब जन्म लेने वाले बच्चों को निमोनिया कभी नहीं जकड़ पाएगा। अगर सरकार द्वारा लागू की योजना धरातल पर सफल रहती है तो हरियाणा देश ही नहीं विश्व का पहला राज्य बन जाएगा, जहां किसी भी बच्चे को निमोनिया ग्रसित नहीं कर पाएगा।  

Deepak Paul