लोग मानते नहीं, नगरपालिका क्या करे.....हम तो चालान कर सकते हैं

6/14/2019 2:15:37 PM

घरौंडा(टिक्कू): शहर का रेलवे रोड हो या सर्विस लेन, तकिया मार्किट हो या मेन बाजार, दिल्ली चुंगी हो या फिर हो अराईपुरा रोड, शहर पूरी तरह से अतिक्रमण की जद में है। शहर की चौड़ी सड़कें और गलियां संकरी हो चली हैं। आलम यह है कि हर रोज वाहन चालकों को जाम की स्थिति से दो-चार होना पड़ता है। बैंकों के आगे छोटे और बड़े वाहनों के जमावड़े राहगीरों और वाहन चालकों के लिए परेशानियां खड़ी कर रहे हैं। सर्विस लेन के फुटपाथों को दुकानदारों ने पूरी तरह से कब्जे में लिया हुआ है। अतिक्रमणकारी फुटपाथ पर भी कब्जा कर संतुष्ट नहीं है।

शहरवासियों का कहना है कि शासन व प्रशासन की लचर व्यवस्था से इन कब्जाधारियों के हौसले इतने ज्यादा बुलंद हो चुके हैं कि वे सर्विस लेन के लगभग आधे हिस्से को भी कब्जाए हुए हैं। अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहे स्थानीय निवासी में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर नगरपालिका के अधिकारी अतिक्रमणकारियों से दुखी है। अधिकारियों का कहना है कि दुकानदारों को बार-बार समझा चुके हैं लेकिन लोग नहीं मानते। नगरपालिका सख्त रुख अपनाएगी और कम से कम 5 हजार रुपए तक चालान करेगी।  

कहीं भी पार्क कर जाते हैं वाहन 
शहर की सर्विस लेन और रेलवे रोड पर बैंकों के बाहर लगने वाली वाहनों की कतारें सड़कों को कब्जे में लिए हुए हैं जिससे जाम की स्थिति बन जाती है। इतना ही नहीं रेलवे रोड, रेलवे ओवरब्रिज के अंडरपास और दिल्ली चुंगी जैसी व्यस्त जगहों पर कोई भी वाहन चालक अपनी गाड़ी कहीं पर भी खड़ा करके चला जाता है जिससे वाहन चालकों को दिक्कतें आती हैं। 

कब्जे में फुटपाथ 
शहरवासियों का कहना है कि फुटपाथ आमजन की सुविधाओं के लिए बनाए जाते हैं लेकिन उन पर ही दुकानदारों ने स्थायी कब्जे किए हुए है। ऐसे में राहगीरों को जान जोखिम में डालकर सर्विस लेन पर चलना पड़ता है जिससे हादसों का खतरा बना रहता है लेकिन न तो इन फुटपाथों और सर्विस लेन को कब्जामुक्त किया जाता और न ही अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कोई एक्शन लिया जाता।

नगरपालिका के अधिकारी आते हैं और अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्त करके निकल जाते है। शहरवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि शहर को कब्जामुक्त किया जाए ताकि राहगीरों और चालकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।  

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