40 प्राइवेट अस्पतालों पर 3 करोड़ से अधिक का सम्पत्ति टैक्स बकाया

2/9/2019 12:16:53 PM

करनाल(पांडेय): शहर के विकास के लिए नगर निगम हर समय बजट की कमी से जूझता रहा है। पैसा न होने के कारण कई योजनाएं भी अधर में लटकी हैं, हालांकि यह बात अगल है कि निगम का करोड़ों रुपए करदाताओं के पास अटका है जिसे वसूलने में निगम अधिकारी नाकाम साबित हो रहे हैं। शहर में स्थिति सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों पर ही सालों से नगर निगम का करोड़ों रुपए का सम्पत्ति कर बकाया है। इस समय शहर के करीब 40 अस्पतालों पर 3,03,73,291 रुपए बकाया है।

शहर के लोगों से सम्पत्ति कर वसूलने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है जिसमें कर जमा कराने वाले लोगों को निगम रिबेट देने के अलावा समय- समय पर उन पर सख्ती भी बरतता है। जिससे लोग अपना सम्पत्ति कर जमा कराते रहते हैं, वहीं निजी अस्पतालों पर नगर निगम की यह कार्रवाई नाकाम नजर आती है। शहर के ज्यादातर अस्पतालों पर भारी भरकम रकम बकाया है। कई अस्पताल तो ऐसे हैं, जिन पर लाखों से करोड़ों रुपए का सम्पत्ति कर है, जो उन्होंने कई सालों से जमा नहीं किए। विदित हो कि सम्पत्ति कर नगर निगम के आय का मुख्य स्रोत है। इसके माध्यम से मिलने वाले पैसे से ही शहर का विकास किया जाता है लेकिन इस कर पर अस्पताल कुंडली मारकर बैठे हैं। 

महावीर दल अस्पताल पर ही 2.20 करोड़ का बकाया 
नगर निगम ने जिन 40 अस्पतालों की लिस्ट जारी की है, उसमें सबसे टॉप पर महावीर दल अस्पताल है। इस अस्पताल पर 2 करोड़ 20 लाख रुपए से ज्यादा का सम्पत्ति कर है।
 वहीं इसके अलावा जो बड़े देनदार हैं, उनमें कर्ण अस्पताल पर 2,93,353, नवजीवन अस्पताल पर 1,98,821, पाठक अस्पताल पर 9,58,934, रघुनाथ अस्पताल पर 3,19,340, जीवन ज्योति अस्पताल पर 14,70,449, नूर मैडीकल सैंटर पर 41,717, ठाकुर अस्पताल पर 1,08,364, विर्क अस्पताल पर 1,08,585, मेड स्कैन पर 27,86,869, सिटी अर्थोपेडिक पर 5,95,067, सूर्या अस्पताल पर 2,75,276 रुपए बकाया है। 

दुकानदारों पर भी डेढ़ करोड़ का किराया बकाया 
निगम अधिकारी सिर्फ संपत्ति कर वसूलने में ही नाकाम नहीं है, बल्कि नगर निगम की जो दुकानें लोगों ने किराए पर ले रखी हैं अधिकारी उनसे किराया भी नहीं वसूल पा रहे हैं। सैंकड़ों दुकानदारों पर इस समय करीब डेढ़ करोड़ रुपए किराया बकाया है, जो उन्होंने कई सालों से जमा तक नहीं कराया लेकिन निगम की सम्पत्ति पर कब्जा जमाए बैठे हैं। हालांकि निगम अब ऐसे दुकानदारों की लिस्ट तैयार कर उन पर कार्रवाई की योजना तैयार कर रहा है। 
कोई कार्रवाई नहीं हुई 
आर.टी.आई. के माध्यम से निगम अधिकारियों की इस लापरवाही का खुलासा करने वाले एडवोकेट व सामाजिक कार्यकत्र्ता राजेश शर्मा ने कहा कि जिस तरह से निगम और शहर के पैसे पर कुछ निजी अस्पताल कुंडली मारे बैठे हैं, इस मामले में कुछ निगम अधिकारियों और इन अस्पतालों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता जिसके कारण ही सम्पत्ति कर न जमा कराने के बाद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। 

होगी सख्त कार्रवाई : मेयर
 मेयर रेनु बाला गुप्ता ने कहा कि निगम का पैसा किसी को हड़पने नहीं दिया जाएगा। जल्द ही प्लान तैयार कर इन अस्पतालों व दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और निगम का एक-एक पाई वसूल किया जाएगा। इन पैसों को शहर के विकास कार्य में खर्च किया जाएगा।    

Deepak Paul