डाक्टरों की सलाह- रसायन से पके फलों से करें परहेज, हो सकती हैं कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियां

5/20/2019 1:15:34 PM

कुरुक्षेत्र(खुंगर): गर्मी बढऩे के साथ ही नगर में कई प्रकार के फलों की बिक्री हो रही है। लाभ कमाने के लिए फलों को रसायन से पकाने की भी प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में रसायन से पके फल घरों में पहुंच रहे हैं। जानकारों के अनुसार रसायन से पकाए आम, पपीता और केले का सेवन करने से कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों का खतरा बना रहता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्राकृतिक रूप से पके फलों में पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जबकि रसायन के इस्तेमाल से पके फल सेहत को नुक्सान पहुंचाते हैं। वी विद यू के प्रमोद बंसल का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को आम, तरबूज, पपीता, खरबूजा तथा केले इत्यादि मौसमी फलों के समय-समय पर नमूने लेने चाहिएं।

विभिन्न राज्यों से पहुंच रहे फल
फल मंडियों पर नजर डालें तो इन दिनों आम की ज्यादा आवक आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के शहरों से हो रही है। कुछ स्थानों पर गोदामों में रसायन के प्रयोग से कच्चा केला पकाया जाता है। विक्रेता मनोज कुमार बताते हैं कि उन्हें तो पका हुआ आम ही मिलता है। हां यह पता है कि आम की पेटियों में मसाले की एक पुडिय़ा रखी जाती है जिसकी गर्माहट से आम जल्द पकता है और इसमें मिठास आ जाती है। यह भी सही है कि अगर 2 दिनों में आम बिका नहीं तो सडऩा शुरू हो जाता है।

प्राकृतिक तरीके से पके आम नहीं आते
विक्रेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि हम वर्षों से फल बेच रहे हैं। अब फलों को पकाने की प्रक्रिया बदल गई है। अब एथलीन गैस से केला और आम पकाया जाता है। इससे पके फल को खाने से स्वास्थ्य को कोई नुक्सान नहीं पहुंचता। पहले मंडी में पहुंचने पर फलों को पकाया जाता था लेकिन अब पहले ही पके हुए आम तथा केले मंडी में आते हैं। विदेशों में भी एथलीन गैस से फलों को पकाया जाता है जो सेहत के लिए नुक्सानदायक नहीं है।
 

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