गीता उपदेश के साक्षी वट वृक्ष को मिलेगा नया जीवन

8/3/2015 11:14:24 AM

कुरुक्षेत्र: ज्योतिसर स्थित गीता उपदेश के साक्षी वट वृक्ष को अभी भी राष्ट्रीय सांस्कृतिक विरासत घोषित किए जाने की दरकार है। कई सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन ज्योतिसर के इस वट वृक्ष को अभी तक राष्ट्रीय विरासत घोषित नहीं किया गया जा सका। मान्यता है कि इस ऐतिहासिक वट वृक्ष के नीचे ही महाभारत युद्ध से पहले श्रीकृष्ण ने अर्जुन को पवित्र गीता का उपदेश दिया था। वृक्ष की दयनीय हालत को देखते हुए विगत दिनों ही ग्रीन अर्थ संस्था ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री डा. महेश शर्मा को ज्ञापन भी सौंपा था।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री डा. महेश शर्मा व प्रदेश के पर्यटन मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा भी इस वृक्ष का अवलोकन कर चुके हैं। ग्रीन अर्थ संस्था ने इस वृक्ष को राष्ट्रीय विरासत घोषित करवाने को लेकर सीएम विंडो के माध्यम से भी मुख्यमंत्री हरियाणा से भी मांग की है। ग्रीन अर्थ संस्थाके सदस्य नरेश भारद्वाज ने बताया कि सीएम विंडो पर दिए गए पत्र के बाद वृक्ष को राष्ट्रीय विरासत घोषित किए जाने के लिए 29 जुलाई को हरियाणा पुरातत्व विभाग से अधिकारी भी इस वृक्ष का सर्वे कर चुके हैं।

लोकसभा में भी वृक्ष को राष्ट्रीय विरासत घोषित किए जाने का मुद्दा उठ चुका है। इस पेड़ के सौंदर्यीकरण के लिए माबर्ल लगाया गया था जिसे वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून ने भी कहा था कि इससे पेड़ की जीवन सीमा में कमी आएगी। इंडियन कौंसिल फोर इनवार्यो-लीगल एक्शन (आईसीईएलए) ने 21 जुलाई को डीसी कुरुक्षेत्र व केडीबी को आदेश दिए थे कि चूंकि यह मार्बल पेड़ों की ग्रोथ में बाधक है इसलिए जिला भर में जिन पेड़ों के नीचे मार्बल लगा हुआ है उसे तुरंत हटवाया जाए।

आईसीईएलए ने 30 दिन का समय दिया है। ब माना जा रहा है कि 21 अगस्त को इस पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के आदेसों का पालन हो सकता है और माबर्ल हटाया जा सकता है। ज्योतिसर कुरुक्षेत्र-पिहोवा मार्ग पर स्थित है और ज्योतिसर में यह ऐतिहासिक वट वृक्ष है। मान्यता है कि 5000 वर्ष पूर्व इसी वट वृक्ष के नीचे महाभारत युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का दिव्य संदेश दिया था और यह पेड़ उसी संदेश का एकमात्र गवाह है।

इसी के चलते धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में देश-विदेश से लाखों की तादाद में पर्यटक ज्योतिसर स्थित ऐतिहासिक वट वृक्ष को देखने पहुंचते है। आपको बता दें कि ज्योतिसर में गीता उपदेश के साक्षी वट वृक्षों के जीर्णोद्वार का कार्य 24 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने लिया तो था लेकिन उस द्वारा बिना किसी पर्यावरणविद से जाने बिना इस वृक्ष के नीचे संगमरमर का पत्थर लगा दिया था। यही पत्थर और सौंदर्यीकरण इन हजारों वर्ष पुराने व आस्था के संरक्षण इस वट वृक्ष के जीवन पर भारी पड़ता नजर आ रहा है।