सावधान : कहीं होली का रंग फीका न पड़ जाए कोरोना वायरस से.....

2/24/2020 1:18:07 PM

कुरुक्षेत्र (खुंगर) : भारतीय त्यौहारों पर कहीं न कहीं चीन के उत्पादों का प्रभाव रहता है। बीते समय में चाहे होली हो या दीपावली इन त्यौहारों पर भारतीय बाजारों में चीन के बने उत्पादों की बिक्री अधिक रहती है। उल्लेखनीय है कि आजकल चीन कोरोना वायरस से ग्रस्त है। कोरोना वायरस ने चीन को अन्य देशों से अलग कर दिया है। उल्लेखनीय है आजकल आमजन के बीच एक चीज अवश्य चर्चा का विषय बनी है कि कोरोना वायरस ने चीन की मार्कीट को बुरी तरह से प्रभावित किया है। 

आमजन भी चीन के नए उत्पादों को प्रयोग में लाने से कतराने लगे हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि रंगों के त्यौहार होली को केवल 2 सप्ताह के करीब ही समय बचा है। ऐसे में जब चीन में कोरोना वायरस के कहर के कारण चीन उत्पादों की सप्लाई ही आनी बंद हो गई है। कु रुक्षेत्र में भी चर्चा है कि इस बार बाजार में चीन की बनी पिचकारी तथा अन्य प्रोडक्ट होली पर नजर नहीं आएंगे। कुरुक्षेत्र व्यावसायिक संस्थानों से जुड़े राजेश सिंगला ने कहा कि मार्कीट में दुकानदारों ने भी मान लिया है कि इस बार होली पर भारतीय सामान की बिक्री अधिक ही होगी।

लेकिन अगर जानकारों की मानें तो इस स्थिति में रंगों का त्यौहार होली आम लोगों के लिए महंगा पड़ेगा तथा इस महंगाई का असर बाजार पर भी दिखाई पड़ेगा। दुकानदार तो इस बात को लेकर चिंतित दिखाई पड़ते हैं कि महंगाई के कारण सेल कम होने से उन्हें लाभ भी कम होगा। व्यापारी नरेश सिंगला का कहना है कि भारतीय बाजार पर ही नहीं विश्व के कई अन्य देशों पर भी चीन के प्रोड्क्ट्स का कब्जा है। आजकल चीन से अधिक तर देश सामान मंगवा ही नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि होली पर भी चीन के नए सामान की बिक्री नहीं होती नजर आ रही है। 

युवा प्रणव का तो कहना है कि होली के त्यौहार पर ही चीन के सामान की अधिक सेल होती है। शहर का कोई दुकानदार होगा जिसके पास पिछले साल का होली का सामान न पड़ा हो। काफी दुकानदारों ने पहले से ही सामान खरीद रखा है लेकिन चीन के भय से आम लोग इस बार शायद खरीदारी न करें। विनय गर्ग ने कहा कि भारतीय त्यौहारों का रंग कम नहीं हो सकता है। जिसने त्यौहार मनाना है। वह महंगे रंग और गुलाल भी खरीदेगा। यह अच्छा है कि भारतीय सामान की बिक्री अधिक होगी। 

अंकुश का कहना है कि लोग होली पर चीन की पिचकारी अधिक लोग खरीदते हैं। इसका मुख्य कारण ये सस्ती होती है लेकिन भारत का सामान महंगा मिलता है। इस कारण लोगों का ध्यान भी अधिक नहीं जाता। मेरा तो यही कहना है कि हमें इंडिया के सामान का प्रयोग करना चाहिए। विवेक कुमार का कहना है कि बहुत से दुकानदारों के पास पिछले साल का स्टाक पड़ा है। अगर सामान कम पड़ा तो दुकानदारों को भारत के सामान बेचना चाहिए। बाजार में इस बार अधिक प्रभाव पड़ेगा। 

Isha