लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की तैयारी कर रहे किसान

4/22/2019 12:01:53 PM

मानेसर(राजेश): सरकार द्वारा दिए गए मुआवजे को वापिस जमा करने के खिलाफ गांव ढ़ाणा, अलियर और बास-हरिया,कासन की पंचायत के साथ अन्य 30 गांव भी साथ हो गए।सभी गांवों से आई सरदारी ने रविवार को गांव ढ़ाणा के शहीद पार्क में एकजुट होकर पंचायत का आयोजन किया।पंचायत में शासन प्रशासन की किसानों के प्रति उदासीनता से आहत होकर गांव ढाणा,अलियर व बास के ग्रामीणों के साथ होने का दावा करते हुए सभी ने आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया।

इतना ही नहीं ग्रामीणों ने अपनी एकजुटता का फैसला सुनाते हुए कहा कि इस बार अन्य गांव में देशौरी काज होने की बजह से रविवार को सैकड़ों गांवों की सरदारी ढ़ाणा नहीं पहुंच पाई। जल्द ही दक्षिण हरियाणा के 360 गांवों की पंचायत भी इसी मसले को लेकर जल्दी बुलाई जाएगी। 

लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की तैयारी:- ढ़ाणा में आयोजित पंचायत में मानेसर तहसील क्षेत्र के किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आक्रोशित होकर सामूहिक रुप से आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। किसानों का कहना है कि फिलहाल लगभग 40 गांवों की सरदारी हमारे साथ है और अगली पंचायत में हल्के के सभी 360 गांव भी हमारे साथ होगें।

क्या है मामला:-किसानों का कहना है कि 2004 में चार गांव ढाणा, अलियर, बास हरिया, कासन की जमीन एचएसआईआईडीसी द्वारा अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान किसानों को दो लाख 20 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। माननीय कोर्ट में अपील के पश्चात इन्हीं जमीनों का मुआवजा कुछ बढ़ाकर दिया गया। तत्पश्चात माननीय हाईकोर्ट में अपील के दौरान भी मुआवजा बढ़ाया गया यहां तक की माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी किसानों को लगभग 37 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से दिया गया।

किसानों का कहना है आसपास की जमीनों के रेट को देखते हुए यही मुआवजे की राशी बढ़ाकर 41 लाख कर दी गई लेकिन एचएसआईआईडीसी द्वारा यह मुआवजा नहीं दिया गया बल्कि 37 लाख 40 हजार प्रति एकड़ से घटाकर 28 लाख 77 हजार कर दिया। किसानों द्वारा अपील दायर की गई कि आप ने ही हमारा मुआवजा तय किया था फिर ये अन्याय क्यों जबकि हमारे ही गांवों से सटी जमीनों के रेट करोड़ों रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से भी दिए गए।

किसान मांग कर रहे है कि हमें मुआवजा देने की बजाए जो मुआवजे की राशी दी जा चुकी है उसमें से भी बढ़ी हुई राशी वापिस जमा कराने के नोटिस भेजे जाने की तैयारी कर रहे हैं जोकि सरासर अन्याय है जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी जमीनों की कीमतों में भेदभाव किया गया है।

महापंचायत में होगा दूध का दूध पानी का पानी- रविवार को एकत्रित हुए लगभग तीन दर्जन गांवों की सरदारी ने अपनी इस मांग पर अपने 360 गांवों की महापंचायत करने का निर्णय लिया है। महापंचायत में सभी गांवों को बुलाने का आवाह्न किया गया।फैसला लिया गया कि आगामी पंचायत में सभी गांवों से आए सरदारों से मतदान का बहिष्कार करने व धरना-प्रदर्शन पर विचार विमर्श कर हमारे साथ हो रहे भेदभाव पर दूध का दूध पानी का पानी किया जाएगा। इस दौरान अलियर सरपंच, ढा़णा सरपंच प्रवीन, महासिंह, धर्मबीर, मुकेश, मुरारी, राजिन्द्र आदि सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। 

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