भाद्रपद मास की अमावस्या पर धर्मनगरी पर लगा श्रद्धालुओं का तांता (Watch Pics)

9/1/2016 11:04:43 AM

कुरुक्षेत्र (विनोद खुंगर): आज भाद्रपद मास की अमावस्या है। इसी के तहत धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के पवित्र ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर, ज्योतिसर व पिहोवा तीर्थ पर अमावस्या के दिन स्नान का विशेष महत्व है। ऐसे में कल देर शाम से कुरुक्षेत्र के तीर्थों पर श्रद्धालुओं का भारी आगमन शुरू हो गया था। सुबह तक सभी तीर्थों पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ एकत्रित हो गई है। सुबह से ही श्रद्धालु तीर्थों पर स्नान इत्यादि कर पूजा अर्चना कर क्षमता अनुसार श्रद्धा से दान इत्यादि कर रहे हैं। 

 

भाद्रपद मास की अमावस्या का धर्माचार्यों के अनुसार विशेष महत्व है, अमावस्या स्नान तथा पूजा अर्चना के लिए कुरुक्षेत्र के तीर्थों पर सूर्य उदय से पूर्व से ही देश के विभिन्न क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। कुरुक्षेत्र श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के वरिष्ठ उप प्रधान प. पवन शर्मा ने बताया कि आज कुशा उपासनी अमावस्या है, आज का दिन कुशा के साथ पितृ कार्य तथा देव कार्य के लिए शुभ माना जाता है। आज के दिन पितरों की शान्ति के लिए किए पूजन तथा दान इत्यादि से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितर प्रसन्न होकर पुत्र तथा परिवार को धन, सम्पति, सुख अौर संपदा प्रदान करते हैं 

 

ज्योतिषाचार्य ऋषभ वत्स के अनुसार कुरुक्षेत्र में पितरों निमित कार्यों के लिए विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या पर पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन किया जाना चाहिए। यदि आपके पितर देवता प्रसन्न नहीं होंगे तो आपको अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त नहीं हो सकती है। पितरों की कृपा के बिना कड़ी मेहनत करने के बाद भी उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं होता है और कार्यों में बाधाएं बढ़ जाती हैं। ऐसा माना जाता है पितरों को तृप्त करने से हमें सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं और सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं।