मासूमों व उनकी दादी की मदद के लिए दानवीरों के उठे हाथ

11/4/2017 2:06:55 PM

थानेसर(नरूला): मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान। बाल न बांका होगा, उसका जिसका रक्षक दया निधान। 3 मासूम बच्चों के सिर से भले ही उनके मां-बाप की छत्रछाया चली गई किंतु इन बच्चों के पालन-पोषण के लिए परमात्मा ने ऐसे दानवीरों को भेज दिया जिनकी सहायता से वे कभी भूखे पेट नहीं सो पाएंगे। गांव बारवा में गत दिनों टी.बी. से पीड़ित दम्पति की मृत्यु हो गई थी। इनके बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेदारी बूढ़ी दादी ने खुद लाचार एवं बीमार होने के बावजूद सम्भाली। अलबत्ता दादी बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाने एवं उनका पेट भरने में असमर्थ रही जिस कारण सरकारी स्कूल से पढऩे के बाद घर आने पर ये बच्चे खेतों से बालियां एकत्रित कर नाममात्र धनराशि जुटा पा रहे हैं।

स्कूल से इन बच्चों को मिलने वाला मिड-डे मील ही इनके जीवन का भरतपोषण है और अपने बचे भोजन से यह बच्चे अपनी बूढ़ी दादी का पेट भी भरते हैं। घर की माली हालत भी दयनीय है। गांव के सरपंच जसविंद्र ने सरकार से मकान बनाने की एक किस्त दिलवा दी है ताकि वे मकान सही ढंग से बनवाकर गुजर-बसर कर सकें। इस परिवार को खोजने व उनकी सहायता करने का सर्वप्रथम कार्य जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन प्रवीण उमरी ने किया था। पंजाब केसरी ने इस परिवार को देश का अभिन्न अंग मानते हुए प्रमुखता से इस परिवार की हालत को प्रकाशित किया। पंजाब केसरी समाचार-पत्र पढ़कर न केवल ग्रामीणों की आंखें खुलीं, बल्कि संस्थाओं व सामाजिक लोगों ने सहायता के लिए हाथ उठाए। शुक्रवार को कर दुआ संस्था पिहोवा के प्रधान अभिमन्यु शर्मा, उपप्रधान प्रदीप कुमार ने साथियों के साथ इस परिवार से भेंट की। 

उन्होंने इस परिवार के बच्चों के बालिग होने तक घर का राशन जिसमें 50 किलो आटा, 10 किलो चावल, तेल, आलू, मसाले, नमक व अन्य सामान देने की घोषणा की व राशन की पहली किस्त भी परिवार को दे दी। अभिमन्यु ने बताया कि बच्चों की पैंशन से संबंधित कार्य को भी वे अधिकारियों से बातचीत कर दिलवाने का प्रयास करेंगे। घर में जिस बच्चे का आधारकार्ड नहीं बना, बनवाया जाएगा। बिजली कनैक्शन संबंधी समस्या को भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। सरकार द्वारा ऐसे परिवार को दी जाने वाली सहायता को उन तक पहुंचाने का कार्य वे करेंगे। गांव के सरपंच जसविंद्र सिंह ने भी परिवार के प्रति सहानुभूति जताई व अधिक से अधिक सहायता उन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने भी राशन संबंधी अन्य सामान परिवार तक पहुंचाया है।

नम्बरदार ने प्रवीण चौधरी की पीठ थपथपाई
इस परिवार के प्रति सहानुभूति रखने वाले जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन प्रवीण चौधरी की पीठ गांव के नम्बरदार ओमप्रकाश ने थपथपाते हुए कहा कि यदि उन्होंने इस परिवार बारे मीडिया को नहीं बताया होता तो शायद यह परिवार अंधेरे में ही जीवन यापन कर रहा होता।

कहां गए बड़े-बड़े समाजसेवी
अपने दल, पार्टी की नीतियों व कार्यों का बड़ा-बड़ा बखान करने वाले नेता इस परिवार की सहायता के लिए अभी तक कहीं नजर नहीं आए।

एक नन्हे बच्चे को  सुनने में दिक्कत, टी.बी. की आशंका
कर दुआ संस्था के प्रधान अभिमन्यु ने बताया कि 3 मासूम बच्चों में से छोटे लड़के को सुनने में दिक्कत है। इनके मां-बाप टी.बी. की बीमारी के कारण अपनी जीवन यात्रा समाप्त कर परमात्मा के चरणों में चले गए। ऐसे में छोटे बच्चे को अत्याधिक खांसी होने के कारण लगता है कि बच्चा भी कहीं न कहीं इस बीमारी से पीड़ित हो सकता है। वे इस बच्चे का पूरा इलाज भी करवाएंगे।

हॉस्टल भेजने की इच्छा जताई
कर दुआ संस्था के उपप्रधान प्रदीप कुमार ने बच्चों की दादी से इनको पढ़ाने के लिए अच्छे प्राइवेट स्कूल में दाखिल करवाने व हॉस्टल भेजने की इच्छा जताई जिसका पूरा 
खर्च वे स्वयं वहन करेंगे।

मासूम बच्चें की आंखें खोज रहीं प्यार को
इस परिवार को जब भी कोई सहायता देने घर आता है तो वहां मौजूद बच्चों की करुणामयी आंखें अपने मां-बाप के प्यार, दुलार को ही खोजती दिखती हैं और सहायता देने वाला भावुक हो जाता है।

घर के हालात देख सुभाष पाली हो गए भावुक
पंजाब केसरी में प्रकाशित समाचार को पढ़कर कुरुक्षेत्र के समाजसेवी एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के संगठन सचिव सुभाष पाली जब उक्त परिवार की सहायता करने गांव बारवा आए तो घर की बाहरी हालत एवं लोगों से पीड़ित परिवार की व्यथा जान इतने भावुक हो गए कि उनके घर की दहलीज भी नहीं लांघ पाए। उन्होंने भी इन बच्चों को अार्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया।