धरोहर स्थापना दिवस पर विशेष: यूं बनी म्हारी धरोहर

4/28/2016 4:05:14 PM

कुरुक्षेत्र: धरोहर हरियाणा संग्रहालय की स्थापना को लेकर सन् 2005 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर कु.वि. प्रशासन ने निर्णय लिया कि यहां संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। इसको लेकर लगभग 30 व्यक्तियों की कमेटी गठित की जिसमें यह भी सामने आया कि संग्रहालय से संबंधित वस्तुओं को खरीदकर छोटा-सा संग्रहालय बनाया जाएगा।

कु.वि. प्रशासन ने निर्णय लिया कि हरियाणा की संस्कृति से संबंधित संग्रहालय बनाने के लिए कमेटियां गठित की जाएं जो गांव में जाकर पुरानी चीजों का संकलन करें और उनको संग्रहालय के लिए कु.वि. में एकत्रित करें। इसके लिए 3 कमेटियों का गठन किया जिन्होंने हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में जाकर संकलन का काम शुरू किया। इस तरह धरोहर हरियाणा संग्रहालय की स्थापना के लिए हरियाणा के गांव-गांव में धरोहर की टीम ने यात्रा की और मार्च, 2006 तक लगभग 1,000 विषय-वस्तुएं संकलित कर उनको क्रश हॉल में एकत्रित किया।

उसके पश्चात कु.वि. प्रशासन ने संस्थान के अंदर यह संग्रहालय स्थापित करने का निर्णय लिया और इसकी आंतरिक साज-सज्जा धरोहर की टीमों द्वारा संकलित किए साजो-सामान के अनुसार की। हरियाणा की स्थापना के पश्चात जो कार्य 40 सालों में नहीं हो पाया था, वह कु.वि. ने महज एक साल में करके दिखा दिया। 28 अप्रैल, 2006 को धरोहर हरियाणा संग्रहालय बनकर तैयार हुआ। संग्रहालय में घेर, पनघट तथा रसोई जो अंतिम समय में तैयार की थी, सबसे ज्यादा लोकप्रिय बनी।

वर्ष 2013 में धरोहर हरियाणा संग्रहालय भाग-2 की स्थापना की जो जनता को सबसे अधिक पसंद आया। वर्तमान में धरोहर हरियाणा संग्रहालय में हरियाणा पुस्तकालय, आर्ट गैलरी, मीडिया सैंटर, राजकिशन नैन फोटो गैलरी के साथ 50 सैक्शन स्थापित किए हैं जिनके माध्यम से सम्पूर्ण हरियाणा का इतिहास तथा संस्कृति को समेटा गया है। आज तक धरोहर हरियाणा संग्रहालय को 15 लाख से अधिक पर्यटक देख चुके हैं। 10 वर्षों में 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडल धरोहर संग्रहालय का अवलोकन कर चुके हैं। इसके साथ लगभग 6,000 शोधार्थी 10 वर्षों में धरोहर पुस्तकालय का प्रयोग अपने शोध के लिए कर चुके हैं।