मानव जाति के कल्याण के लिए गीता का ज्ञान जरूरी : सोलंकी

12/17/2018 3:27:50 PM

कुरुक्षेत्र(धमीजा): त्रिपुरा के राज्यपाल प्रोफैसर कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि मानव जाति के कल्याण के लिए गीता का ज्ञान जरूरी है। इसके बिना मानव का जीवन सफल नहीं हो सकता और उसके जीवन में हमेशा अंधकार रहेगा। सोलंकी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2018 के मेला क्षेत्र में हुए विराट संत सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल सोलंकी, हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण बेदी, ज्ञानानंद महाराज, विधायक डा. पवन सैनी, स्वामी गुर शरणानंद महाराज, स्वामी अवधेशानंद, ब्रह्मïचारी ब्र्रह्मस्वरूप, शंकराचार्य दिव्यानंद तीर्थ, जैन संत लोकेश मुनि, बाबा भूपेन्द्र सिंह, संजीव कृष्ण ठाकुर, स्वामी बंसी पुरी, साक्षी गोपाल दास, बाबा रिंजक दास, अवधूत आश्रम से स्वामी ज्ञानेश्वर महाराज, स्वामी महेश मुनि, स्वामी हरिओम परिव्राजक, बाबा बालक नाथ ने दीपशिखा प्रज्वलित कर विराट संत सम्मेलन का शुभारंभ किया। 

राज्यमंत्री बेदी ने राज्य सरकार की तरफ से सभी संतों और विद्वानों का स्वागत करते हुए परिचय करवाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच है कि गीता का ज्ञान दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे और इस कार्य को विद्वान सहजता से कर पाएंगे। सम्मेलन में संतों ने गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग की। सोलंकी ने कहा कि कुरुक्षेत्र सांस्कृतिक राजधानी के रूप में पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से ही 177 देशों ने योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और अब वर्ष 2019 में मॉरीशस में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव को धीरे-धीरे विश्व में मनाया जाएगा। जब पूरे संसार में गीता के ज्ञान का प्रकाश फैलेगा तो निश्चित ही वर्ष 2047 तक भारत फिर से विश्वगुरु के रूप में पहचान बनाएगा। ज्ञानानंद ने कहा कि राष्टशक्ति, राजनीति और राष्ट निर्माण के लिए गीता का ज्ञान बेहद जरूरी है। विराट संत सम्मेलन में सभी संतों ने खुलकर विचार व्यक्त किए और यह तथ्य सामने आए कि बचपन से ही बच्चों को गीता का ज्ञान जरूरी है। इस ज्ञान से ही मानव का व्यक्तित्व विकास सम्भव है। इस ग्रंथ में ही जीने का तरीका बताया गया है। 

रमनरेती वाले स्वामी गुर शरणानंद ने गीता को औषधी और रसायन बताया। उन्होंने हरियाणा सरकार को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव समारोह व्यापक स्तर पर आयोजित किए जाने के लिए साधुवाद दिया। ब्रह्मचारी ने कहा कि देश में धर्म और सरहद की रक्षा के लिए धर्मसेना और सरहद सेना की जरूरत है। इसके लिए साधु-संतों को आगे आना होगा। ब्रह्मचारी ने संतों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में तीर्थों व नदियों के संरक्षण के लिए आगे आकर कार्य करें। अंत में लाडवा विधायक डा. पवन सैनी ने साधु-संतों और राज्यपाल का कार्यक्रम में पहुंचने पर आभार व्यक्त किया।
 

Rakhi Yadav